टोंक । जिला मुख्यालय सहित जिलेभर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ सोमवार को मनाया जायेगा। टोंक शहर के मन्दिरों व स्कूलों में विशेष झांकिया सजाई जायेगी।
जन्माष्टमी पर श्रीश्याम मन्दिर, श्रीरामकष्ण मंदिर, श्रीमंशापूर्ण भूतेश्वर महादेव मंदिर, यज्ञ के बालाजी, नीलकंठ महादेव मंदिर, गोपाल जी के मंदिर, रघुनाथ जी के मंदिर, महादेवाली शिवालय, हरे कृष्णा विलेज, पुरानी टोंक के मन्दिरों सहित स्कूलों में मनमोहक झांकिया सजाई जायेगी एवं भजन-कीर्तन के कार्यक्रम होगें।
देर रात्रि 12 बजे खीर व पंजीरी का प्रसाद वितरित किया जायेगा। जन्माष्टमी के पर्व पर घर-घर में परिजनों ने अपने बच्चों को कान्हा जी की पोशाक पहनाई, जो घरों में ही नहीं मौहल्लों में भी आकर्षण का केन्द्र बने रहे। इसी प्रकार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर श्रीश्याम मन्दिर प्रबन्ध समिति टोंक द्वारा श्रीश्याम मन्दिर प्रांगण में भजन संध्या का आयोजन 26 अगस्त सोमवार को सांय 7 बजे से किया जायेगा। इस अवसर पर श्रीश्याम मन्दिर में आलौकिक श्रृंगार, पुष्प-इत्र वर्षा, आतिशबाजी, केक आकर्षक सजावट, छप्पन भोग एवं प्रसाद वितरण किया जायेगा।
मनु ज्योतिष एवं वास्तु शोध संस्थान टोंक के निदेशक महर्षि बाबूलाल शास्त्री ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण का जन्म भविष्य पुराण अनुसार द्वापर युग में भाद्रपद कृष्ण अष्टमी रोहिणी नक्षत्र वृष के चन्द्रमा में अद्र्ध रात्रि को हुआ था, जिसके अनुसार श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व के समय भाद्रपद मास कृष्ण पक्ष अद्र्ध रात्रि का समय अष्टमी तिथि रोहिणी नक्षत्र वृष राशि का चन्द्रमा सोमवार या बुधवार का संयोग मिल जाए तो उसमें श्री कृष्ण की पूजा अर्चना करने पर तीनों लोकों में मुक्ति मिलती है।
बाबूलाल शास्त्री ने बताया कि इस वर्ष द्वापरयुग के वही योग घटित हो रहै है, भाद्र कृष्ण पक्ष, अष्टमी तिथि रात को 12बजे रोहिणी नक्षत्र वृष लग्न वृष राशि सोमवार या बुधवार स्व राशि सुर्य शनि बलवान कुम्भ राशि मे थे मगल वृश्चिक राशि में थे, इस वर्ष 26 अगस्त सोमवार को भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी सुबह सूर्योदय से पहले 2ण्39 बजे से शुभारंभ है, जो अद्र्ध रात्रि बाद 2.20 बजे तक है एवं रोहिणी नक्षत्र दोपहर 15.55 बजे से शुभारंभ है, जो 27 अगस्त मगलवार को दिन में 3.37 बजे तक है, रात्रि 12बजे वृष लग्न चंद्रमा उच्च के रोहिणी नक्षत्र में गोचर करेगे देव गुरु बृहस्पति साथ में बैठ कर गज केसरी योग बना रहे है,
शनि देव अपनी कुम्भ राशि में गोचर से शश योग बना रहे हैं। सुर्य देव अपनी स्व राशि में बुध के साथ बुधयादिति योग बना रहे हैं, इस वर्ष तीस वर्ष बाद सुर्यदेव सिंह राशि में चन्द्र देव वृषभ राशि में शनि देव कुम्भ राशि मेें विचरण करेंगे।
सोमवार को अर्ध व्यापिनी अष्टमी में श्री कृष्ण जन्मोत्सव रोहिणी नक्षत्र के योग से युक्त हो तो जयंती योग का निर्माण होगा। उन्होने बताया कि भगवान श्री इस दिन 26 अगस्त सोमवार को दोपहर 3.55 से 27 अगस्त मंगलवार को सुबह 6.08 बजे तक सवार्सिद्धि योग घटित हो रहा है। इस वर्ष जन्माष्टमी पर्व 5252 वां जन्मोत्सव 26अगस्त को रात 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 42 मिनट के बीच मनाया जाकर व्रत उपवास पूजा-अर्चना की जाएगी। व्रत का पारण 27 अगस्त को सुबह किया जाएगा। इस वर्ष अष्टमी तिथि 26 अगस्त सोमवार सुबह 2.39 सूर्योदय से पहले एवं 27 अगस्त मंगलवार दोपहर 3.37 बजे तक है। अत: इस वर्ष तिथि पूर्ण होने से इस दिन 26 अगस्त सोमवार को गृहस्थ स्मार्त व वैष्णव संप्रदाय वाले लोग कान्हा का जन्मोत्सव मनायेंगे।