अलवर
अलवर केंद्रीय कारागृह की खुली जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व फौजी की शुक्रवार को इलाज के दौरान मौत हो गई। मृतक फौजी का ड्यूटी के दौरान साथी फौजी से झगड़ा हो गया था,इस दौरान इसने खुद की बंदूक से गोली चला दी थी। जिसके बाद इसके खिलाफ कोर्ट मार्शल किया गया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। सजा के दौरान पहले अजमेर जेल में शिफ्ट किया गया था बाद में बीकानेर ओपन जेल में भेज दिया था। कैदी को एक माह पूर्व अलवर ओपन जेल में शिफ्ट किया गया था।
जेल अधीक्षक अलवर राजेन्द्र सिंह ने बताया कि अलवर में संचालित खुली जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदी बाबूलाल को शुक्रवार तड़के करीब 4 बजे सीने में दर्द की शिकायत पर जेल की डिस्पेंसरी में लाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद उसे राजीव गांधी सामान्य अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान सुबह करीब 6 बजे उसकी मौत हो गई।
इसके बाद जेल प्रशासन ने मृतक के परिजनों को सूचना दे दी। कैदी बाबूलाल हरियाणा के कोथल कला गांव का निवासी था। परिजनों के अस्पताल पहुंचने के बाद बाबूलाल के शव की पोस्टमार्टम प्रक्रिया शुरू की गई। मेडिकल बोर्ड की ओर से एसीजेएम की मौजूदगी में शव का पोस्टमार्टम करने के बाद परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। उन्होंने बताया कि बाबूलाल का वर्ष,2008 में आर्मी में कोर्ट मार्शल हुआ था।
बाबूलाल का 2007 में उसकी यूनिट के साथियों से झगड़ा हो गया था इसके बाद उसने बंदूक से फायर कर दिया था। इस मामले में आर्मी ने उसका कोर्ट मार्शल कर आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। तभी से वह जेल में सजा काट रहा था।