अशफाक कायमखानी। सीकर। राजस्थान के जाट बहुल क्षेत्र शेखावाटी जनपद को सियासत के भारतीय मानचित्र पर उभारने के साथ साथ जनपद को तेजी के साथ विकास के पथ पर ले जाने मे स्थानीय जाट नेताओ ने समय समय पर आवश्यकतानुसार अहम किरदार अदा किया ओर आज भी करते आ रहे है।
भारत मे लोकत्रत्र कायम होने के बाद से शेखावाटी जनपद मे कांग्रेस व गैर कांग्रेस दलो मे सरदार हरलाल सिंह, शिवनाथ सिंह गिल, रामनारायण चोधरी, दौलत राम सारण, शिशराम ओला व रामदेव सिंह महरिया, एवं कन्हेयालाल, गोपाल सिंह खण्डेला, हरलाल सिंह खर्रा सहित माकपा नेता त्रिलोक सिंह अपने वकार व किरदार के साथ जीवन भर सियासत करते हुये दूनीया को अलविदा कह गये। इनमे शीशराम ओला व दौलत राम सहारण राज्य व केन्द्र मे मंत्री रहकर जनपद के विकास मे अग्रणी भुमिका अदा करके गये। जीस भूमिका की तारीफे आज भी हर व्यक्ति के मुहं से अक्सर सूनी जाती है। उक्त नेताओ के अलावा पंजाब व हरियाणा के दिग्गज जाट नेता बलराम जाखड़ व चौधरी देवीलाल, कुम्भाराम, भी शेखावाटी की तपो भुमि से सांसद बनकर केन्द्र सरकार मे महत्वपुर्ण भूमिका मे कार्यरत रहे। लेकिन वो कोई खास कुछ ना कर पाने के कारण ज्यादा समय तक जनपद मे पैर जमाकर रह नही पाये।
आजादी पाने की जंग व राजशाही के खिलाफ चले आंदोलन की गवाह बनी शेखावाटी जनपद की पावन धरती पर जाटो की पहली पीढी के बाद सुभाष महरिया, महादेव सिंह व जगदीप धनखड़ ने केन्द्र मे वजीर बनकर एवं रामसिंह कस्वा, नरेंद्र बूढानीया, संतोष अहलावत, डा,हरिसिंह, चोधरी कुम्भाराम व राहुल कस्वा सांसद बनकर एव सुमित्रा सिंह स्पीकर बनकर खिदमात अंजाम देते रहे है।इनके अलावा सीकर सांसद सुमेदानंद महाराज को लोग हरियाणा का जाट बताते है। वही चोधरी नारायण सिंह, गोविंद सिंह डोटासरा, बशीधर बाजीया, झाबर सिंह खर्रा, विजेन्द्र ओला, श्रवण चोधरी, चोधरी शूभकरण, नरेन्द्र सिंह, नन्द किशोर महरिया, मोजुदा समय मे विधायक रहते हुये। तो कोमरेड अमरा राम, रीटा सिंह , डा.चंद्रभान, प्रतीभा सिंह, रड़मल सिंह, दिलसूख चोधरी, झाबर सिंह सुण्डा, रामचन्द्र सिंह सूण्डा, बालूराम, लछीराम, सूधा देवी झाबरमल , मंगला राम गोदारा व दीपचंद पूनीया, इंद्रसिहं पूनीया, जयनारायण पूनीया, किशन सिह, जगन सिंह , नवरंग सिंह, नंदलाल पूनीया सहित अन्य पुनीया बंधू के अलावा अनेक नेता मोजुदा समय मे एवं पुर्व मे विधायक रहकर जीवीत नेता आज भी सक्रीय राजनीती मे रहकर जनपद की सियासत को परवान चढाने मे लगातार संघर्ष कर रहे है। सरदार हरलाल सिंह, चोधरी नारायण सिंह व डां चंद्रभान राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी PCC के अध्यक्ष भी रहे है।
कुल मिला यह है कि मरहुम सरदार हरलाल सिंह की पोती प्रतीभा सिंह, मरहुम चोधरी रामनारायण की बेटी रीटा सिंह, शीशराम ओला का बेटा विजेन्द्र ओला, रामदेव सिंह महरिया के भतीजे सुभाष महरिया व नन्द किशोर महरिया, गोपाल सिंह खण्डेला के बेटे बंशीधर बाजिया, हरलाल सिंह खर्रा के बेटे झाबर सिंह खर्रा व राम सिहं कस्वा के बेटे राहुल कस्वा ने विधायक या सांसद बनकर पारीवारिक नैक सियासत को अगली पीढी तक बनाकर रखा है। दूसरी तरफ माकपा नेता मरहुम त्रिलोक सिंह के सियासी वारिस उनके पार्टी के नेता कामरेड अमरा राम उनके बाद जनभावना व जनहित के लिये सघर्ष की कसोटी पर खरे साबित हो रहे है।