सीरियल ब्लास्ट की 10वीं बरसी : राजधानी में जगह-जगह हुई प्रार्थना,श्रदांजली सभा,महाआरती सहित रक्तदान शिविर का आयोजन
जयपुर। जयपुर सीरियल बम ब्लास्ट की 10वीं बरसीं पर रविवार को विभिन्न स्थानों पर रक्तदान शिविर और श्रद्धांजलि सभाएं आयोजित कर इस आतंकी घटना में प्राणों की आहुति देने वाली 71 हुतात्माओं को श्रद्धांजलि दी गई। बम धमाकों में मारे गए मृतकों सहित शहीद हुए पुलिस के जवानों को पुलिस प्रशासन सहित विभिन्न सगठनों द्वारा रविवार को श्रद्धांजलि दी गई। पुलिस कमिश्नर संजय अग्रवाल ने कोतवाली थाना परिसर में बम ब्लास्ट में शहीद तीन पुलिसकर्मियों स्व० भारत भूषण शर्मा , संदीप यादव और शाहनवाज के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी । पुलिस कमिश्नर ने कार्यक्रम में कहा कि मैं इस अवसर पर जयपुर के निवासियों को धन्यवाद देता हूँ जिन्होंने बम ब्लास्ट जैसी वीभत्स एवं हृदय विदारक घटना के समय सहयोग किया और पीड़ितों की मदद के लिए आगे होकर एकता का परिचय देते हुए कार्य किया । उन्होंने कहा कि मैं जयपुर की जनता को सेल्यूट करता हूँ जिनके सहयोग से हम कठिन परिस्थितियों से उभरकर बाहर आए है । जयपुर की जनता ने पुलिस को खूब सहयोग किया है । इस कार्यक्रम के साथ ही एस एम एस ब्लड बैंक ,अग्रसेन ग्रुप तथा सर्व समाज संस्था के सहयोग से रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया गया। इस शिविर में पुलिसकर्मियों ,सी एल जी सदस्यों, पुलिस मित्रों और आमजन ने बढ- चढ़ कर शामिल हुए और रक्तदान किया । इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस आयुक्त प्रथम प्रफुल्ल कुमार अतिरिक्त पुलिस आयुक्त द्वितीय नितिनदीप ब्लग्गन , पुलिस उपायुक्त उत्तर सत्येन्द्र सिंह , अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त राजेश मील अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त गोपाल सिंह मेवाड़ा सहित पुलिस अधिकारी एवं पुलिसकर्मियों ने भी श्रद्धांजलि दी । पुलिस कमिश्नर ने कोतवाली थाना प्रभारी अशोक खत्री को कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए धन्यवाद दिया ।
पूर्व संध्या पर निकाला कैंडल मार्च, दी गई श्रद्धांजलि
इससे पूर्व संध्या पर राष्ट्रीय महाशिक्त युवा संघ के प्रदेशाध्यक्ष दीपक डंडोरिया के नेतृत्व में बड़ी संख्या में युवाओं और आम लोगों ने सीरियल ब्लास्ट में मृत लोगों को छोटी चौपड़ के फूलवालों का खंदा में श्रद्धांजलि दी गई और कैंडल मार्च निकाला।
महाआरती का हुआ आयोजन
संस्कृति युवा संस्था की ओर से सांगानेरी गेट स्थित पूर्व मुखी हनुमान मंदिर में शाम साढ़े छह बजे महाआरती आयोजन किया गया । संस्था के अध्यक्ष पं. सुरेश मिश्रा ने बताया कि 1100 दीपकों से हनुमानजी महाराज की महाआरती की गई। छोटी चौपड़ स्थित फूल वालों के खंदे पर सुबह नौ बजे श्रद्धांजलि सभा और रक्तदान शिविर आयोजित किया किया । इसमें बड़ी संख्या में फूल व्यापारीसहित अन्य लोगों ने रक्तदान किया। महक दिया मेमोरियल चेरिटेबल ट्रस्ट की ओर से संतोकबा दुर्लभजी हॉस्पिटल में रक्तदान शिविर आयोजित किया गया । सुबह 8 से शाम 5 बजे तक लगे शिविर में संग्रहित रक्त विभिन्न अस्पतालों में जमा कराया गया । सीरियल बम ब्लास्ट में छह वर्षीय महक और चार साल की दीया की भी मौत हो गई थी। बेटियों की स्मृति में डंगायच परिवार महक-दीया मेमोरियल चेरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना कर 2010 से हर साल 13 मई को इस साल की भांति इस भी रक्तदान शिविर लगाया। साथ ही जरूरतमंद बालिकाओं को आर्थिक मदद के लिए भी आगे आए।
गौरतलब है कि 13 मई 2008 की वो शाम आज भी आंखो में खौफ बन कर जब भी याद आती है हर कोई सिहर उठता है। 10 साल पहले छोटी काशी के अमन-चैन में दहशतगर्दी की हरकत के बाद जयपुर एक बारगी दहशत में पड़ गया। शाम सात बजे एक के बाद एक कर के आठ जगह बम ब्लास्ट में 71 लोगो की जान चली गई। करीब 180 लोग जख्मी होकर अस्पताल पहुंचे । जिनमें पचास से अधिक का शरीर अपंग है। आतंकी हमले के बाद जांच व धरपकड़ में जुटी पुलिस, व सुरक्षा एजेंसियों ने कार्रवाही करते हुए दो साल तक 12 दहशतगर्दो की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी की गई।
जयपुर में तेरह मई को यह विस्फोट सांगानेर गेट, एलएमबी होटल के सामने, माणक चौक थाने के सामने, चूड़ी वालों के खंदे के पास, फूल वालों के खंदे के पास, त्रिपोलिया बाजार, कोतवाली थाने के बाहर व चांदपोल हनुमान मंदिर के सामने हुए। इनमें एक श्रीराम मंदिर के सामने साइकिल पर लगे बम को पुलिस ने डिफ्यूज किया था ।
12 मिनट में हुए थे 8 धमाके
13 मई 2008 का वो काला दिन आज भी देश के जेहन में बिल्कुल ताजा है। उस दिन मंगलवार था। राजधानी जयपुर में 12 मिनट के अंतराल और 2 किलोमीटर के दायर में 8 सीरियल बम धमाके हुए थे। इन धमाकों ने पूरे देश को झंझोरकर रख दिया था। आतंकवादियों ने आतंक का ऐसा अमिट घाव दिया, जिसके जख्म आज भी राजधानी के लोगों के जेहन और दिलों में ताजा हैं।
71 लोगों की हुई थी मौत
आपको बता दें कि चांदपोल हनुमान मंदिर के बाहर आरती के समय पहला धमाका हुआ था और वहीं देखते ही देखते एक के बाद एक 8 धमाकों से गुलाबी नगरी लहूलुहान हो गई थी। चारों ओर खून, चित्कार और लोगों के मांस के लोथड़े ही लोथड़े बिखरे पड़े थे। किसी ने अपना बेटा खोया, तो किसी ने अपना पति, तो किसी ने अपने माता-पिता खोए। इन धमाको में 71 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं हादसे में 180 लोग घायल हुए।