udaipur News । उदयपुर नगर निगम में पूर्व पार्षद कृष्णकांत कुमावत के माता-पिता का एक साथ कोरोना के कारण गुरुवार को निधन हो गया। हालांकि, उनकी माता तीन दिन पहले पाॅजिटिव से नेगटिव आ चुकी थीं, लेकिन कमजोरी के चलते वे चल बसीं। पूर्व पार्षद के पिता अमृतलाल कुमावत भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता भी थे और आपातकाल में जेल भी रहे। वे कुमावत समाज के राष्ट्रीय पदाधिकारी भी थे।
कुमावत के अभिन्न मित्र वरिष्ठ अधिवक्ता प्रवीण खण्डेलवाल ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि आरंभिक बुखार आने के बाद पिता अमृतलाल कुमावत व उनकी पत्नी शकुंतला देवी को उदयपुर के सेक्टर-14 स्थित जेजे हाॅस्पिटल में भर्ती कराया गया था। वहां स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने पर 10 दिन पहले पिता व 7 दिन पहले माता को अहमदाबाद के हृदयालय अस्पताल में ले जाया गया। वहां दो दिन पहले शकुंतला देवी की रिपोर्ट नेगेटिव आ गई फिर भी एहतियात के तौर पर उन्हें आईसीयू में रखा गया।
बताया गया कि पिता अमृतलाल कुमावत के कोरोना पाॅजिटिव रहते हुए ब्रेन स्ट्रोक की भी व्याधि हुई। वहां न्यूरो का विशेषज्ञ नहीं होने से उदयपुर में डाॅ. अतुलाभ वाजपेयी से बात की गई और उन्हें उदयपुर लाकर उपचार करने का परिवार ने निर्णय किया। शकुंतला देवी के भी नेगेटिव आ जाने पर उन्हें भी साथ में उदयपुर लाने का निर्णय किया गया। गुरुवार को दोनों को ही अलग-अलग एम्बुलेंस में लाया जा रहा था कि नियति ने बीच राह में ही परिवार पर वज्रपात कर दिया।
परसाद के आसपास पहले पिता का निधन हो गया और कुछ देर बाद माता शकुंतला देवी ने भी सांस छोड़ दी। उनके साथ पूर्व पार्षद कृष्णकांत कुमावत व परिवार के अन्य सदस्य थे। उन्होंने जैसे ही उदयपुर में परिवारजनों व परिचितों को यह सूचना दी, हर कोई स्तब्ध रह गया। उदयपुर में कोरोना प्रोटोकाॅल के तहत उनका अंतिम संस्कार किया गया। दोनों को एक ही चिता पर मुखाग्नि दी गई।
जानकारी के अनुसार परिवार में कृष्णकांत कुमावत, उनकी पत्नी व उनकी बहन भी पूर्व में पाॅजिटिव आए और वे नेगेटिव होकर स्वस्थ हैं। लेकिन, कोरोना के चलते माता-पिता की एक साथ मृत्यु के समाचार ने उनसे जुड़े हर परिचित को भी झकझोर दिया।