Sri Ganganagar News। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की श्रीगंगानगर चौकी द्वारा केंद्रीय कारागृह, श्रीगंगानगर के प्रहरी सुभाष चंद्र मीणा द्वारा खुला बंदी शिविर के सजायाफ्ता कैदी से दबाव बनाकर उसे तंग परेशान नहीं करने के एवज में स्वयं के लिए बतौर रिश्वत राशि दो हजार रुपये मासिक बंधी के रुप में रिश्वत की मांग का प्रकरण दर्ज किया गया है।
ब्यूरो के जोधपुर के डीआईजी पुलिस डॉ. विष्णुकांत ने गुरुवार को बताया कि परिवादी कैदी ने परिवाद पेश किया कि वह कत्ल के एक केस में सजायाफ्ता है तथा खुली जेल कृषि अनुसंधान केंद्र खुला बंदी शिविर में सजा काट रहा है। शिविर में सुभाष मीणा सिपाही जेल विभाग का इंचार्ज है और खुला बंदी शिविर में सरकारी जमीन पर खेती का कार्य करवाता है जिसके उसे 213 रुपये प्रतिदिन मजदूरी के मिलते हैं। पूरे महीने मेें चार दिन छुट्टी के काटकर 26 दिन के चैक/नकद उसे भुगतान मिलता है। सिपाही सुभाष हर महीने के दो से ढाई हजार रुपये रिश्वत रुप में मंथली लेता है, नहीं देने पर वह तंग परेशान करता है तथा राशन आदि खरीदने के लिए बाजार में नहीं जाने देता। परिवादी कैदी ने कहा कि वह एक गरीब आदमी है तथा उसे मिलने वाले मासिक मेहनताना से ही उसके परिवार का भरण-पोषण करना पड़ता है। वह रिश्वत नहीं देकर सिपाही सुभाष को रंगे हाथों पकड़वाना चाहता है। परिवादी द्वारा प्रस्तुत शिकायत का उप अधीक्षक पुलिस वेदप्रकाश लखोटिया ने 28 सितम्बर को गोपनीय सत्यापन कराया तो आरोपी सुभाष मीणा द्वारा रिश्वत हेतू दो हजार रुपए लेना तय करना पाया गया। जिस पर 29 सितम्बर 2020 को ट्रेप आयोजन किया गया, ट्रेप से पहले परिवादी की आरोपित से मोबाईल पर वार्ता कराकर रिकॉर्ड की गयी जिसमें आरोपित द्वारा परिवादी को खुली जेल कृषि अनुसंधान केंद्र मेें बुलाया गया तथा इस वार्ता में भी आरोपी द्वारा परिवादी पर दबाव बनाकर रिश्वत देने हेतू कहने के तथ्य भी रिकॉर्ड हुए। लेकिन परिवादी पर ट्रेप कार्यवाही करवाने का शक हो जाने पर आरोपित ने रिश्वत नहीं ली। जिस पर प्रकरण बनाकर ब्यूरो मुख्यालय भिजवाया गया और प्रथम दृष्टया आरोप प्रमाणित पाए जाने पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्जकर जांच शुरु की गयी है।