अधिक फीस वसूलने के मामले में केवल 3 निजी स्कूलों को ही नोटिस
टोंक। (फिरोज़ उस्मानी) गत दिनों शिक्षा विभाग ने सभी निजी स्कूल संचालकों को स्कूलों की स्थाई मान्यता दुबारा लेने के आदेश जारी किए जाने के बावजूद आरटीई प्रभारी शिवराज बैरवा लापरवही बरत रहे है। अब तक केवल तीन निजी स्कूलों को ही अधिक फीस वसूलने के नोटिस थमाए गए है। इन स्कूलों ने नोटिस का जवाब तक नही दिया है। जबकि अभिभावक निजी स्कूलों की फीस मनमानी को लेकर लिखित में शिकायतें दर्ज करा चुके है। बावजूद इसके अब तक भी कोई कार्रवाई अमल में नही लाई गई है।
गत दिनों निजी संस्था प्रधानों को आरटीई के तहत स्थाई मान्यता लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज डीईओ कार्यालय में जमा कराने के निर्देश जारी किए थे। निजी स्कूलों को स्थाई मान्यता जारी करने के लिए पहले उनका इंटर ब्लॉक भौतिक सत्यापन होगा। निरीक्षण दल का गठन ऑफ लाइन होगा। इन भौतिक सत्यापन दल की रिपोर्ट के आधार पर ही निजी स्कूलों की मान्यता जारी होगी। अगर आरटीई के तहत निष्पक्षता से जांच की जाए तो अधिकतर निजी स्कूलों की मान्यता खतरे में पड़ सकती है।
हाथ पर हाथ धरें बैठे है, आरटीई प्रभारी
बावजूद इसके आरटीई प्रभारी हाथ पर हाथ धरें बैठै है। फीस बढ़ौतरी के मामले अब तक केवल तीन स्कूलों को ही नोटिस थमाए गए है। जबकि अधिकतर स्कूलों में फीस की मनमानी जारी है। अभिभावकों द्वारा हजारों शिकायतें की गई है। लेकिन निजी स्कूलों को आरटीई प्रभारी का सरंक्षण प्राप्त है। इसके कारण कोई ठोस कार्रवाई अमल में नही लाई जा रही है।
तीन स्कूलों को नोटिस
कुछ दिन पूर्व ही निदेशालय के आदेश पर दी गोल्डन ग्लोबल, सनशाईन ग्लोबल व ऐन्जिल किड्स स्कूलों को मनमानी फीस व पाठ्य सामग्री पर अधिक वसूली को लेकर प्रारभिंक तौर पर नोटिस जारी किए गए है। इसकी भी जांच अब तक चल रही है। इन निजी स्कूलों पर नोटिस का कोई असर नही है।