जयपुर। हाईकोर्ट ने करौली जिला प्रमुख अभय कुमार मीना का निलम्बन निरस्त कर सरकार को कार्यभार संभलाने के आदेश जारी किए थे लेकिन सरकार ने कार्यभार नहीं दिया। जब अभय कुमार मीणा ने फिर कोर्ट की शरण ली और कोर्ट ऑफ कंटेम्प लगाया तो शुक्रवार को न्यायधीश आलोक शर्मा ने फटकार लगाई और प्रमुख शासन सचिव या सक्षम अधिकारी को तलब किया लेकिन अतिरिक्त महाधिवक्ता ने सक्षम अधिकारी यहां नहीं होने की दलील देते हुए अगली तारीख की मांग की। कोर्ट की नाराजगी देख राज्य सरकार ने हाईकोर्ट द्वारा करौली जिला प्रमुख का निलम्बन निरस्त करने के आदेशों की पालना में जिला प्रमुख अभय कुमार मीना को करौली जिला प्रमुख का चार्ज देने के आदेश जारी किए है। इस बारे में ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग के संयुक्त शासन सचिव ने शुक्रवार को आदेश जारी कर दिए।
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने 15 मई को करौली जिला प्रमुख अभय कुमार मीना को निलम्बित कर दिया था। इसके खिलाफ अभय कुमार ने हाईकोर्ट याचिका दायर कर न्याय की गुहार की। हाईकोर्ट की एकल पीठ ने 23 मई को निलम्बन आदेश निरस्त करते हुए जिला प्रमुख का चार्ज देने के निर्देश दिए। इसके बाद जिला प्रमुख अभय कुमार ने हाईकोर्ट निर्णय की पालना के लिए प्रमुख शासन सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज, जिला कलेक्टर करौली व संयुक्त शासन सचिव (जांच) को सूचित किया लेकिन अभय कुमार को कार्यभार नहीं दिया। इस पर अभय कुमार ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की। उधर सरकार ने हाईकोर्ट के निर्णय के खिलाफ स्पेशल अपील दायर कर दी। शुक्रवार को अभय कुमार की अवमानना याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई तो न्यायधीश आलोक शर्मा ने फटकार लगाते हुए प्रमुख शासन सचिव या सक्षम अधिकारी को व्यक्तिगत तलब किया। इस पर अतिरिक्त महाधिवक्ता ने सक्षम अधिकारी के यहां उपस्थित नहीं होने की बात कहीं और सुनवाई के लिए समय के मांग की। कोर्ट ने सुनवाई के लिए सोमवार का समय दिया। उधर,कोर्ट की अवमानना के डर से शुक्रवार को विभाग की ओर से शाम को कार्यभार संभलाने के निर्देश जारी कर दिए।
जब सरकार को लगा कोर्ट अवमानना का डर तो दिए करौली जिला प्रमुख को चार्ज देने के आदेश
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