Tonk News। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भले ही अधिकारी-कर्मचारियों की आय का वितरण देने को कहा है, लेकिन टोंक शहर में कर्मचारियों ने आय से अधिक सम्पति का विवरण नहीं देने का तोड़ निकाल लिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले कुछ सालों से तृतीय श्रेणी के कर्मचारी अब प्रोपर्टी लाइन से जुड गए हैं। ये कर्मचारी शहर के कुछ लोगों को अपने साथ लेकर शहर की बेशकीमती जमीनों के खरीद में जुट गए हैं।
इसके लिए कर्मचारियों ने यह गली निकाली कि वे सीधे तौर पर जमीन व भूखण्ड के मालिक नहीं बनकर कई मामलों में तो पार्टन हो गए हैं। कई भूखण्डों को अपने परिजनों के नाम कर दिया गया है।
इसका खुलासा तहसील कार्यालय परिसर में होने वाले पंजीयन से किया जा सकता है। करोड़ों की जमीन खरीदने में तृतीय श्रेणी कर्मचारी पीछे नहीं हट रहे हैं।
गत दिनों शहर में एक प्रकरण में हुए विवाद में इसका पता लगा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार महज 25 से 30 हजार रुपए मासिक तनख्वाह वाले यह कर्मचारी शहर के हाइवे व मुख्य बाजार में बेशकीमती करोड़ों रुपए के भूखण्ड खरीद चुके हैं।
ऐसे में राजस्व और आयकर विभाग को इनकी निगरानी कर मुख्यमंत्री की ओर से की गई घोषणा को अमलीजामा पहनाना है।
वहीं दैनिक रिपोर्ट्स की ओर अब ऐसे कर्मचारियों का जल्द ही खुलासा किया जाएगा, जिन्होंने करोड़ों की जमीन खरीद में हिस्सेदारी निभाई है।