जयपुर। प्रदेश में बढ़ते अपराध और लॉ एंड ऑर्डर के मुद्दे पर इन दिनों गहलोत सरकार विपक्ष के निशाने पर है। विपक्ष जहां विधानसभा सत्र के दौरान कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार को सदन में घेर चुका है तो वहीं अभी भी बढ़ते अपराध और बिगड़ती कानून व्यवस्था का मुद्दा सरकार का पीछा नहीं छोड़ रहा है। गृह मंत्री का जिम्मा खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास होने के चलते सरकार के लिए ज्यादा परेशानी बनी हुई है।
इसीलिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर नौकरशाही में बड़ी सर्जरी करने की तैयारी कर ली है। हालांकि इस बात सर्जरी का नंबर आईपीएस अफसरों का है। सूत्रों की माने तो जल्द ही आईपीएस अफसरों की भी एक जंबो सूची जारी हो सकती है।
दरअसल आईपीएस अफसरों की जंबो तबादला सूची को लेकर इन दिनों सरकार में उच्च स्तर पर मंथन चल रहा है। आईपीएस अफसरों के एक-एक नाम पर गंभीरता से विचार चल रहा है। माना जा रहा है। तकरीबन 50 से ज्यादा आईपीएस अफसरों की तबादला सूची लगभग तैयार है, मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद 15 मई तक आईपीएस अफसरों की जंबो तबादला सूची जारी हो सकती है।
बताया जाता है कि आईपीएस अफसरों की संभावित तबादला सूची में एक दर्जन जिलों के पुलिस अधीक्षकों को भी बदलने की तैयारी है। नौकरशाही में चल रही चर्चाओं की माने तो जिन जिलों में बढ़ते अपराध और कानून व्यवस्था को चुनौती मिल रही है उन जिलों के पुलिस अधीक्षकों को बदला जाएगा और उनकी जगह दूसरे आईपीएस अफसरों को मौका दिया जाएगा।
इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा सत्र समाप्त होने के बाद आईएएस और आरएएस अधिकारियों की भी बड़ी सर्जरी करते हुए जंबो तबादला सूची जारी की थी। गहलोत सरकार ने 13 अप्रैल को 76 आईएएस अफसरों की तबादले सूची जारी की थी तो 25 अप्रैल को 239 आरएएस अफसरों की जंबो तबादला सूची जारी की थी। इससे पहले इसी साल जनवरी माह में गहलोत सरकार ने 22 आईपीएस अफसरों के तबादले किए थे।