जयपुर (Jaipur)। आर्मी भर्ती के लिए केंद्र सरकार की ओर से लाई गई अग्निपथ स्कीम (Agnipath Scheme Protest) के विरोध में जहां देशभर में युवाओं ने केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ हल्ला बोलते हुए उग्र आंदोलन छेड़ रखा है तो वहीं कांग्रेस पार्टी भी देशभर में अग्निपथ स्कीम के विरोध में उतर आई।
प्रदेश में भी अग्निपथ स्कीम के विरोध में कांग्रेस पार्टी लगातार प्रदर्शन कर रही है। बीते कई दिनों से राजधानी जयपुर सहित प्रदेश के सभी जिलों में अग्निपथ योजना के विरोध में कांग्रेस के धरने प्रदर्शन आयोजित हो रहे हैं, जिसमें सैकड़ों की तादाद कांग्रेस कार्यकर्ता सहित पार्टी के तमाम नेता भी शामिल हो रहे हैं, लेकिन सत्ता और संगठन के सामने सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि कांग्रेस की ओर से अग्निपथ स्कीम के विरोध में होने वाले प्रदर्शनों में कांग्रेस कार्यकर्ता तो पूरे दमखम के साथ शामिल हो रहे हैं लेकिन युवा वर्ग इस मामले में कांग्रेस से दूरी बनाए हुए हैं।
खास तौर पर सेना भर्ती की तैयारी कर रहे अग्निवीर कांग्रेस के बैनर तले होने वाले विरोध प्रदर्शनों में शामिल होने को तैयार नहीं हैं। राजधानी जयपुर में रविवार को कांग्रेस की ओर से निकाली गई तिरंगा यात्रा में भी हजारों की तादाद में कांग्रेस कार्यकर्ता तो जुटे लेकिन अग्निवीर इस विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं हुए। कांग्रेस के धरने-प्रदर्शनो से अग्निवीरों की दूरी ने पार्टी के साथ-साथ थिंक टैंक की भी चिंता बढ़ाई हुई है।
कोचिंग सेंटरों से भी संपर्क साध रही है कांग्रेस
इधर कांग्रेस के धरने-प्रदर्शनों से अग्निवीरों (Agniveers) की दूरी के बाद कांग्रेस थिंक टैंक ने अपनी रणनीति बदल में बदलाव किया है। सत्ता और संगठन से जुड़े कई नेताओं ने अब अग्निवीरों को साथ लेने की कवायद शुरू की है और इसके लिए आर्मी भर्ती की तैयारी कर रहे युवा वर्ग के साथ-साथ प्रदेश के कई कोचिंग संस्थानों से भी संपर्क किया जा रहा है, जिससे अग्निवीरों को कांग्रेस के मंच पर लाया जा सके बताया जाता है कि पार्टी ने भी कई वरिष्ठ मंत्रियों और विधायकों को शेखावाटी अंचल में संचालित आर्मी भर्ती की गई कोचिंग संस्थानों से संपर्क साधने के निर्देश दिए गए हैं।
किसानों ने भी बनाई थी कांग्रेस के धरने-प्रदर्शनों से दूरी
वहीं केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ भले ही कांग्रेस पार्टी ने लंबे समय तक प्रदेश में धरने- प्रदर्शन और पदयात्राएं निकाली हो और किसानों के धरने को समर्थन भी दिया हो, लेकिन बावजूद इसके किसान संगठन भी कांग्रेस के बैनर हुए धरने-प्रदर्शनों में शामिल नहीं हुए। किसान संगठनों ने अपना अलग ही आंदोलन चलाया, जबकि सत्ता और संगठन ने शाहजहांपुर बॉर्डर और दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में जाकर भी किसानों को समर्थन दिया था।
युवा वोट बैंक को साधना चाहती है कांग्रेस
सूत्रों की मानें तो अग्निपथ स्कीम (Agnipath Scheme Protest) के विरोध के जरिए कांग्रेस युवा वोट बैंक को साधना चाहती है, क्योंकि प्रदेश में भी युवाओं की अच्छी खासी तादाद है। साल 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव के चलते कांग्रेस का पूरा फोकस युवा वोट बैंक पर है। यही वजह है कि पार्टी ने केंद्र की अग्निपथ योजना के विरोध में जोर-शोर से हल्ला बोल दिया है।