नई दिल्ली/ इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) का कई आतंकी गतिविधियों में कथित तौर पर हाथ होने के सबूत मिलने के बाद यह संगठन अब केंद्र सरकार की जांच एजेंसियों पर पूरी तरह से रडार पर आ गया है और केंद्र सरकार ने इस संगठन पर शिकंजा कसने की कवायद शुरू कर दी है।
राजस्थान के उदयपुर में हुए दर्जी कन्हैयालाल साहू हत्याकांड महाराष्ट्र के अमरावती में दवा विक्रेता उमेश कोल्हे हत्याकांड सहित देश और प्रदेशों में हुए सांप्रदायिक दंगों में पीएफआई का हाथ होने और पटना में पीएफआई के बड़े नेटवर्क का खुलासा होने के बाद पिछले सप्ताह ही का कर्नाटक में भाजपा नेता प्रदीप नेट्टारू की हत्या के बाद केंद्र सरकार इस संगठन पर शिकंजा कसने एक्शन मोड में आ गई है और गृह मंत्री अमित शाह के बेंगलुरु दौरे के बाद इस पर कवायद शुरू हो गई है ।
सूत्रो के अनुसार PFI पर शिकंजा कसने को लेकर एक टीम का गठन किया गया है इस टीम में दिल्ली और कर्नाटक के कुछ अधिकारियों के साथ ही इंटेलिजेंसी के अधिकारियों को भी शामिल किया गया । इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा देश भर के उन अधिकारियों की भी एक सूची तैयार की जा रही है जो पहले भी इस तरह के गंभीर मामलों में जांच एजेंसियों का हिस्सा बन चुके हैं ।
यह टीम कर्नाटक ही नहीं बल्कि देश के सभी राज्यों में पीएफआई के खिलाफ तीन मोर्चों पर काम करेगी । इस टीम का मुख्य रूप से पीएफआई(PFI) के खिलाफ ऐसे ठोस दस्तावेज इकट्ठा करना है जो राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसके नापाक इरादों के खिलाफ सबूत जुटा सकें ।
सूत्रों के अनुसार यह टीम पीएफआई के नेटवर्क की मैपिंग करेगी इसकी शुरुआत कर्नाटक से होगी और उसके बाद देश के उन सभी क्षेत्रों का भी एक मैप तैयार होगा जहां पीएफआई से जुड़ा एक भी व्यक्ति रहता है । इसके अलावा पीएफआई(PFI) को आर्थिक मदद कहां से कहां से मिल रही है ।
इन सब का पता लगाना साथ ही उससे जुड़े सारे दस्तावेजों को एकत्रित किया जाएगा तथा पीएफआई का नाम जिन जिन दंगो या फिर अन्य घटनाओं में आया है उन सभी मामलों को संयुक्त रुप से जांच के दायरे में लाया जाएगा ।
पीएफआई(PFI) का गठन कैसे हुआ
1992 बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद 2 साल बाद 1994 में केरल में मुसलमानों में नेशनल डेवलपमेंट फंड एंनडी एफ (NDF) की स्थापना की और धीरे-धीरे केरल में इसकी लोकप्रियता बढ़ती गई और इस संगठन की सांप्रदायिक गतिविधियों में संलिप्तता भी सामने आती गई इसके बाद साल 2003 में कोझिकोड के मराड बीच पर 8 हिंदुओं की हत्या में एनडीए के कार्यकर्ता गिरफ्तार हुए इस घटना के बाद भाजपा ने एनडीए के आईएसआई से संबंध होने के आरोप लगाए ।
लेकिन उन्हें साबित नहीं किया जा सका। केरल के अलावा कर्नाटक में कर्नाटक फॉर्म फॉर डनिटी(KFD) और तमिलनाडु में मनिथा नीति परसाई (MNP) के नाम के संगठन जमीनी स्तर पर मुसलमानों के लिए काम कर रहे थे इन संगठनों का भी हिंसक गतिविधियों में नाम आता रहा था नवंबर 2006 में दिल्ली में हुई एक बैठक के बाद NDF इन संगठनो के साथ मिल गया और पीएफआई (PFI) का गठन हुआ तब से यह सगंठन काम कर रहा है और अब तक देश के 20 राज्यो मे फैल चुका है ।