टोंक। जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल ने कहा कि गौवंशीय पशुओं में फैल रही लंपी स्किन डिजीज के बचाव एवं उपचार को लेकर बनाई गई ग्राम स्तरीय सर्वे टीमें गंभीरता से कार्य करें। उन्होंने जिले के सभी एसडीओ को प्रत्येक गांव में पशुओं का डोर टू डोर सर्वे का कार्य शीघ्र कराने के निर्देश दिए हैं।जिला कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं कि जिन उपखंड क्षेत्र में इस बीमारी का असर कम है, वहां पहले से ही इसकी रोकथाम के लिए प्रभावी उपाय अपनाएं जाना सुनिश्चित करें।उन्होंने सभी उपखंड अधिकारियों को इस बीमारी की रोकथाम के लिए सजग होकर मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए हैं, साथ ही राज्य सरकार से पशुपालकों को जागरूक करने के लिए आयुर्वेदिक दवाइयों के उपयोग के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। यह गाइडलाइन पशुपालकों को उपलब्ध कराई जाए।
लंपी स्किन डिजीज सर्वे फॉर्मेट में यह जानकारी भरने के निर्देश
डोर टू डोर सर्वे कर रही टीमों को सर्वे फॉर्मेट में ग्राम पंचायत में पशुपालक का नाम, कुल पशुओं की संख्या,लंपी स्किन डिजीज से प्रभावित पशुओं की संख्या,उपचारित पशुओं की संख्या एवं मृत पशुओं की संख्या की जानकारी भर कर भिजवाने के निर्देश दिए गए हैं।
अधिकारियों को दी पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी
जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल ने पशुओं में फैल रही लंपी स्किन डिजीज की रोकथाम एवं बचाव के लिए बनाई गई डोर टू डोर सर्वे टीमों के पर्यवेक्षण के लिए मुख्य कार्यकारी अधिकारी देशल दान को देवली व उनियारा, एडीएम परशुराम धानका को निवाई,पीपलू तथा एडीएम (बीसलपुर) प्रभाती लाल जाट को टोडारायसिंह,मालपुरा उपखंड क्षेत्र की निरीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष स्थापित
गौवंश में फैली लंपी स्किन डिजीज को लेकर जिला कलेक्ट्रेट (एनआईसी के सामने) भवन में नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष के नोडल प्रभारी पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. सौभाग सिंह चौधरी मोबाइल नंबर 9829 333 866 को बनाया गया है।