टोंक । टोंक जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल से टोंक स्थापना महोत्सव को लेकर टोंक स्थापना महोत्सव समिति के सदस्यों ने जिला प्रमुख सरोज नरेश बंसल के नेतृत्व में भेंट की। जिला कलेक्टर ने बनास और टोंक महोत्सव को लेकर विस्तृत चर्चा की और सहयोग का आश्वासन दिया। जिला कलेक्टर को हनुमान सिंहल साहब की लिखी टोंक का इतिहास किताब भी भेंट की गई
समिति के अध्यक्ष सुजीत सिंहल ने यह जानकारी देते हुए बताया की जिला कलेक्टर की टोंक के विकास और इस प्रकार के सद्भावना आयोजन को लेकर गहरी प्रतिबद्धता देखने को मिली।
कलेक्टर चिन्मयी गोपाल ने बीसलपुर महोत्सव के जरिये बीसलपुर और ऐतिहासिक नगरी नगरफोर्ट को पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनाने के लिए मांडकला महोत्सव आयोजित किये जाने के अपने प्रयासों को भी शेयर किया।
इसके पहले जिला प्रमुख सरोज नरेश बंसल ने टोंक के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 24 दिसंबर 946 इस्वी में ख्वाजा राम सिंह ने टोंक की बुनियाद रखी। इस पर कभी रज़िया सुलतान की हुक़ूमत रही तो कभी सोलंकियों का शासन रहा।
कभी मुगल बादशाह अकबर का कब्ज़ा रहा तो कभी पृथ्वीराज चौहान के अधीन रहा। होल्कर वंश की प्रसिद्ध अहिल्या बाई का भी यहाँ शासन रहा। बंसल ने बताया कि यह शहर उत्थान पतन के कई मंजरों और साहित्य के गौरव शाली पड़ावों से गुजरा है और इस पर हर टोंक वासी को गर्व है।
इस शहर की विरासत और धरोहरों से लगाव को बनाये रखने के लिए ही टोंक स्थापना दिवस का महोत्सव मनाया जाता है और इसको धूमधाम से मनाये जाने के लिए किसी भी प्रयास में कमी नही आनी चाहिए।
टोंक स्थापना महोत्सव समिति के नरेश बंसल ने महोत्सव को जन जन का महोत्सव बनाने की अपील की।गोरधन हिरोनी ने तीन दिवसीय कार्यक्रमों की जानकारी जिला कलेक्टर को दी। प्रवीण सोलंकी ने प्राचीन गढ़ के इतिहास से अवगत कराया।