नई दिल्ली/ मोदी सरकार के केंद्रीय मंत्री ने काहे की अगर काम पसंद नहीं आए तो वोट देने की जरूरत नहीं है गडकरी के इस बयान ने राजनीति में हलचल करती है तो वही गडकरी के इस बयान को लेकर राहुल गांधी के सदस्यता समाप्त करने के मामले से भी जोड़ा जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री और भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने नई दिल्ली में रविवार को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि यदि काम पसंद ना आए तो वोट देने की जरूरत नहीं है और वह इसके साथ ही कहा कि वह अब राजनीति से ऊब गए हैं ।
नितिन गडकरी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब कर्नाटक में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं और 1 साल बाद लोकसभा के चुनाव हैं ऐसे में गडकरी का यह बयान भाजपा के लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है ।
वहीं दूसरी ओर गडकरी के इस बयान को लेकर राहुल गांधी से भी जोड़ा जा रहा है राहुल गांधी की सजा के ऐलान के बाद तत्काल प्रभाव से लोकसभा की सदस्यता समाप्त करने के बाद राजनीतिक हलकों में अलग-अलग चर्चाएं हैं और गडकरी राजनीति में इस स्तर को लेकर तथा पार्टी हाईकमान और सरकार के शीर्ष नेतृत्व से के तालमेल का अभाव जग जाहिर है ।
ऐसे में संभावनाएं और आकलन लगाया जा रहा है कि व्यथित होकर नितिन गडकरी ने यह बयान दिया है और इस बयान का मायना यह लगाया जा रहा है कि वह अब राजनीति से संन्यास ले सकते हैं।