नई दिल्ली/ सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें एक युवती को अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर में चांदनी से इसलिए रोक दिया गया कि उसके चेहरे पर तिरंगा बना हुआ था और यही नहीं उस युवती से शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) का एक कार्मिक दूर व्यवहार कर रहा है ।
और स्वर्ण मंदिर में नहीं जाने का कारण पूछने पर वगैरह है यह तिरंगा बना हुआ है इस पर उसे कहा गया है कि क्या यह भारत नहीं है इस पर उसने कहा कि यह पंजाब है भारत में और यहां इसकी इजाजत नहीं ।
दूसरी ओर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने इन आरोपों को नकारते हुए सिख समुदाय को बदनाम करने की साजिश बताया है । घटना शनिवार की बताई जा रही है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो की पुष्टि दैनिक रिपोर्टर डॉट कॉम नहीं करता है ।
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अनुसार, एसजीपीसी के कर्मचारी ने महिला से स्वर्ण मंदिर की मर्यादा का पालन करने को कहा। एसजीपीसी ने कहा कि उन्होंने मामले की जांच शुरू कर दी है। उन्होंने यह भी आरोप लगाए हैं कि कुछ लोग जानबूझकर घटना को गलत मोड़ दे रहे हैं।
एसजीपीसी के महासचिव गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने कहा कि पेंटिंग “राष्ट्रीय ध्वज नहीं थी क्योंकि उस पर अशोक चक्र नहीं था”। उन्होंने कहा कि सिख समुदाय राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करता है क्योंकि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले अधिकांश लोग सिख थे।” ग्रेवाल ने कहा कि सिख देशभक्त होते हैं और वे मातृभूमि के लिए कोई भी कुर्बानी दे सकते हैं।
घटना के बाद सिखों के खिलाफ बनाई जा रही कहानी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि किसी को भी सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक वीडियो पोस्ट कर सिख समुदाय की छवि खराब करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए’
सिखों के खिलाफ साजिश ?
एसजीपीसी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने भी वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर सिखों के खिलाफ बनाई जा रही कहानी की निंदा की। एसजीपीसी अध्यक्ष ने कहा कि किसी घटना को लेकर सिखों की छवि खराब करने और संगठन के प्रबंधन को बदनाम करने के लिए सोशल मीडिया पर मनगढ़ंत और आधारहीन टिप्पणियां करना सही नहीं है।
सचखंड श्री हरमंदिर साहिब (स्वर्ण मंदिर) सभी धर्मों के लोगों के लिए एक सार्वभौमिक स्थान है और यहां पहुंचने वाले तीर्थयात्रियों का सम्मान किया जाता है।
लेकिन यह दुख की बात है कि सिख विरोधी ताकतें सिख संस्थानों की छवि को धूमिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं। धामी ने कहा कि किसी भी घटना पर झूठा प्रचार करना भाईचारे को तोड़ने का काम है, जिससे बचना चाहिए।