आसींद / निसार अहमद शेख। शिक्षा और संस्कार हमारे जीवन का निर्माण करते है। जिस व्यक्ति में संस्कार अच्छे होंगे वह व्यक्ति सभी जगह से सम्मान पाता है।
जीवन में संगत का बहुत असर पड़ता है संगत अच्छे व्यक्तियों के साथ होगी तो अच्छे संस्कार आयेगे और दुर्जन व्यक्तियों के साथ संगत होगी तो दुर्जन प्रभाव वाले गुण आयेंगे।जीवन में हर प्राणी जीना चाहता है और सुखी रहना चाहता है। प्राण सभी को प्यारे होते है। जीवन में अंहकार रूपी रावण को त्यागना होगा, अंहकार व्यक्ति को कभी भी आगे नही बढ़ने देता है। उक्त विचार मरुधरा ज्योति कमल प्रभा ने महावीर भवन में धर्मसभा में व्यक्त किए।
साध्वी लब्धि प्रभा ने धर्मसभा में कहा कि जिनवाणी को श्रद्धा के साथ श्रवण कर पुरुषार्थ करे। मानव जीवन बड़ी मुश्किल से मिला हुआ है कितने ही कष्ट सहे होंगे तब जाकर मानव जीवन मिला है इसका सही सद्पुयोग करना है। गुरु के समागम से श्रद्धा पैदा होती है जैसी संगत मिलती है वैसा मनुष्य बन जाता है।
गौतम स्वामी को भगवान महावीर स्वामी का संग मिला तो वह भी केवल ज्ञानी हो गए।आत्मा का पुरुषार्थ करना जरूरी है। सफलता तभी मिलती है जब हम पुरुषार्थ करे। धर्म की राह पर चलकर हम अपना जीवन सुधारे। आत्मा के लिए तप और त्याग गुरु दर्शन का पुरुषार्थ करे। साध्वी तरुण प्रभा, सुदर्शन प्रभा, मणि प्रभा ने मधुर गीतिका ” मन लाग्यो भक्ति में प्रभु जी नैया पार करो” की प्रस्तुति दी।