टोंक (फ़िरोज़ उस्मानी)। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की महत्वकांक्षी शहरी और ग्रामीण ओलंपिक योजना को इस चुनावी साल में टोंक के ज़िम्मेदार अधिकारी फेल करने में लगे हुए है,,,राज्य सरकार करोड़ो रूपये खर्च कर शहरी और ग्रामीण ओलंपिक करवा रही है,, लेकिन शहरी क्षेत्र में आयोजित ओलंपिक के नाम पर केवल औपचारिकता ही नज़र आ रही है।टोंक में तो कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है,टोंक शहर के पुलिस लाइन में आयोजित ओलम्पिक को लेकर जिम्मेदारों की अनदेखी बनी हुई है,जिसके चलते खेलने आए मासूम खिलाड़ी परेशान होते दिखाई दे रहे है।
बच्चें सुबह खेलने मैदान पर समय पर पहुँच रहे है,,लेकिन मौके पर कोई प्रशिक्षक और अधिकारी के मौजूद नही होने से खिलाड़ी वापस लौट रहे है।
मैदान में पानी की कोई व्यवस्था है।आज भी कुछ मासूम बच्चें सुबह 7 बजे मैदान में पहुँच गए,जहां कोई भी मौजूद नही था,, अलफ़िशा नफीस ने बताया कि डेढ़ घंटे से मैदान में प्रतीक्षा कर रहे है।
अभी तक कोई अधिकारी नही पहुँचा है,,,मैदान पूरा खाली पड़ा है,,,पीने के लिए पानी की भी व्यवस्था नही है,,जबकि उन्हें समय आने की हिदायत के साथ चेतावनी दी गई थी कि समय पर मैदान पर नही पहुँचे तो खेलने नही दिया जाएगा,,, इसके बाद खिलाड़ी वापस लौट गए।
इन अव्यवस्थाओ के चलते खेल मैदानों 30 प्रतिशत ही उपस्थिति दिख रही है,,,जबकि टोंक में 10 हज़ार 562 खिलाड़ियों रेजिस्ट्रेशन हुआ था,,, आंकड़ो से अब ये लगता है कि ये भी केवल दिखावा है।