क्या होती हैं आचार संहिता जानें नियम

Sameer Ur Rehman
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क्या होती है चुनाव आचार संहिता का मतलब है चुनाव आयोग के वे निर्देश जिनका पालन चुनाव खत्म होने तक हर पार्टी और उसके उम्मीदवार को करना होता है। अगर कोई उम्मीदवार इन नियमों का पालन नहीं करता तो चुनाव आयोग उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है, उसे चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है, उम्मीदवार के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो सकती है और दोषी पाए जाने पर उसे जेल भी जाना पड़ सकता है।

राज्यों में चुनाव की तारीखों के एलान के साथ ही उस राज्य में चुनाव आचार संहिता भी लागू हो जाती है। चुनाव आचार संहिता के लागू होते ही State Government और Administration प्रशासन पर कई अंकुश लग जाते हैं।

सरकारी कर्मचारी चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक निर्वाचन आयोग के कर्मचारी बन जाते हैं। वे आयोग के मातहत रहकर उसके दिशा-निर्देश पर काम करते हैं।

आचार संहिता नियम 

1.आचार संहिता लागू होते ही प्रदेश का मुख्यमंत्री या मंत्री जनता के लिए कोई घोषणा नहीं कर सकते हैं। इस दौरान राज्य में न तो शिलान्यास किया जाता है न Opening और न ही भूमिपूजन।

2.सरकारी खर्च से ऐसा arrangement नहीं होगा, जिससे किसी भी party विशेष को लाभ पहुंचे।

3.चुनाव प्रचार के दौरान कोई भी राजनीतिक पार्टी और उनके Candidates को लाउड स्पीकर इस्तेमाल करने से पहले Local officials से अनुमति लेना अनिवार्य होता है।

4.किसी भी Political Party, Candidate, Politician या Supporters को कोई रैली करनी हो तो उसकी इजाज़त पहले पुलिस से लेनी होगी। ताकि सिक्योरिटी के इंतेजाम किये जा सके।

5.किसी भी रैली में धर्म के नाम पर वोट नहीं मांगे जाएंगे।

6.आचार संहिता का सबसे important निर्देश है की Candidate किसी भी कीमत पर voters किसी प्रकार का लालच नहीं दे सकते हैं। अक्सर Candidate द्वारा voters को शराब और पैसे सहित गई प्रकार के उपहार देने की बात सामने आती है। वह करना पूरी तरह से वर्जित है।

7.सरकारी गाड़ी, सरकारी विमान या सरकारी बंगले का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं होगा।

8.चुनाव के दिन Candidate अपने राजनीतिक दल का चिन्ह पोलिंग बूथ के आस-पास नहीं दिखा सकते। चुनाव समिति द्वारा दिए गए वैद्य पास के बगैर कोई भी बूथ में नहीं घुस सकता।

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Editor - Dainik Reporters http://www.dainikreporters.com/