चौरु में शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा अष्टमी पर माता कंकाली की विशेष पूजा अर्चना माता कंकाली के दर्शन मात्र से ही भक्तों की पूर्ण मनोकामना, मंदिर में भक्तों की उमड़ी भीड़

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उनियारा/चौरु। अशोक कुमार सैनी। उनियारा उपखंड क्षेत्र चौरु में शारदीय नवरात्रि के 9 दिनों में कंकाली मातारानी के विभिन्न रूपों को श्रंगार रूप में निहारकर श्रद्धालु अपनी मनोकामना की पूरी होने को लेकर ढोक लगाते है।

लेकिन उनियारा उपखंड चौरु कस्बे में स्थित कंकाली माता मंदिर में स्थापित प्रतिमा के सालभर किए जाने वाले अलग-अलग श्रंगार के दर्शन कर मन्नत मांगते हैं और उसकी मन्नत पूर्ति होने पर माता को हलवा-पुआ- पुड़ी और खीर का भोग लगाते है। वही नो दिन के नवरात्रों में प्रतिदिन लोग मातारानी के दर्शन करने के लिए मंदिर में आते है।

वहीं मंदिर पुजारी आत्माराम ने जानकारी में बताया कि मन्नत मांगने पर मन्नत पूरी होने पर आते रहते हैं, जो सुख-समृद्धि प्रेम और समृद्धि की प्रतिक है। उन्होने बताया कि पीढ़ियो से उनका परिवार यहा माता की सेवा पूजा करता आ रहा है और साल दर साल यहां यहां आने वाले श्रद्धालु की संख्या बढ़ रही है।

पिछले साल के कोरोना काल को छेड़ दे तो यहां सालभर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा है, खासतौर पर सुबह व शाम के समय आरती में अच्छी-खासी तादात में लोग शामिल होते है।

मंदिर में आकर माता के दर्शन कर मन्नत मांगते हैं। यहां दर्शन के आने वाले श्रद्धालुओं बताते हैं कि यहां पर आकर उनकी हर मनोकामना पूरी होती हैं।कंकाली माता मंदिर में वैसे तो सालभर मां कालिका के दर्शन के लिए भक्तों का आना-जाना रहता हैं और नवरात्रों में यहां की रौनक ही अलग होती हैं, लेकिन मंदिर में विराजमान मां कंकाली (कालिका) के असल रुप यानि यहां पर स्थापित प्रतिमा जानकारी बहुत कम या यूं कहे मंदिर परिवार सहित चूनिंदा लोगो को ही हैं।

कंकाली माता के मंदिर में लोग कहते हैं कि जहां से लोग गुजरते हैं तो लोगों में इतनी इच्छा हो जाती है कि बस में से उतर कर भी माता का दर्शन करने आते हैं जब यहां से गुजरने वाले लोग जैसे टोंक सवाई माधोपुर रोड ग्राम पंचायत चौरु में स्थित जो तालाब के तट पर स्थित है कंकाली माता का मंदिर जब यहां से गुजरते हैं विधायक, सांसद, मंत्री, सरपंच आदि दर्शन करके ही जाते हैं।

इस दौरान कंकाली माता के मंदिर में हमेशा नवरात्रा में नो दिन के नवरात्र में श्रद्धालुओं का आना जाना रहता है। और कंकाली माता यात्रियों के लिए भोजन व्यवस्था भी की जाती है यात्रियों के लिए। कंकाली माता का मंदिर इतना सजाया जाता है कि देखने वाले भी मनमोहक हो जाते हैं और दर्शन करने के लिए उतारू हो जाते हैं। कंकाली माता का मंदिर फूल मालाओं से सजाया गया।

कालिका के स्वरूप कि साक्षात मनमोहक झांकी प्रस्तुत की गई। वहीं मां कालिका के दरबार को फूलों, रंग-बिरंगी विद्युत साज सज्जा से सजाया गया। मां दुर्गा के दरबार में आसपास के क्षेत्र व ग्रामीण जन अधिक से अधिक संख्या में शामिल हुए। कंकाली माता का मंदिर जगमग आने लगता है।

शारदीय नवरात्रि में अष्टमी को कंकाली माता को छप्पन भोग लगाकर माता रानी का भजन कीर्तन के साथ भजन संध्या का कार्यक्रम भी किया जाता है। नवरात्रि में कंकाली माताजी मंदिर में उमड़े यात्रियों दूर दराज से आने वाले भक्त भी माताजी को धोक लगाने से हर मन्नत होती है पूरी।

दूरदराज से आने वाले यात्रियों का नवरात्रा में लगा रहता है ताता ग्रामीणों की जानकारी अनुसार टोंक जिले के अलावा बाहर से आने वाले यात्रियों दूर-दूर से जब उनको पता चलता है कि टोंक जिले के अंदर एक स्थान उनियारा उपखंड क्षेत्र चौरु कंकाली माता का मंदिर जहां पर मन्नत मांगने पर मन्नत होती है पूरी कंकाली माता मंदिर में दर्शन से ही भर जाती है सुनी गोद लोग यहां आकर अपनी मन्नतें माता रानी के सामने रखते हैं और मन्नत पूरी होने पर हलवा, पुआ, पुड़ी और खीर का भोग लगाते हैं।

माता रानी की यह अद्भुत प्रतिमा जो उनियारा उपखंड ग्राम पंचायत चौरु में ही देखने को मिलेगी यहां माता रानी के विकराल स्वरूप के दर्शन का लाभ मिलता है। यह स्वरूप अपने आप में ही अद्भुत व अलौकिक है। यहां भक्तों की तो आए दिन भीड़ लगी रहती है।

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