जयपुर/ राजस्थान में भाजपा सत्ता में आने के 25 दिन के बाद भी मंत्रिमंडल का गठन नहीं कर पाई है और बिना मंत्रियों के राजस्थान और विभिन्न विभाग चल रहे हैं ।
प्रदेश की जनता और चुने हुए विधायकों मैं संशय से बरकरार है तथा वह फिल्मी गीत अब तो इंतहा हो गई इंतजार में वाली कहावत चरितार्थ हो रही है प्रदेश में नई सरकार आने पर जो उत्सुकता प्रदेश की जनता में मंत्रिमंडल को लेकर थी वह ठंडी सी पड़ गई है ।
विधानसभा चुनाव में 3 दिसंबर को मतगणना के बाद बहुमत के साथ सत्ता में आई भाजपा 12 दिन बाद मुख्यमंत्री का चयन कर पाई राजस्थान में मुख्यमंत्री का चयन करने में भी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के बाद नंबर आया और अब मतगणना से देखा जाए तो 25 दिन बीत गए भाजपा मंत्रिमंडल का गठन नहीं कर पाई ।
मुख्यमंत्री की शपथ के बाद देखा जाए तो भारतीय जनता पार्टी का केंद्र नेटवर्क और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा 12 दिन बीत जाने के बाद भी मंत्रिमंडल का गठन नहीं कर पाए ऐसे में भाजपा द्वारा जो चुनाव में किए गए वादे और चुनाव जीते ही सत्ता में आने के साथी लागू करने की चुनाव के दौरान किए गए वादे बिना मंत्रियों के समय पर कैसे पूरे होंगे ?
आज प्रदेश की जनता में चर्चा और सवाल पैदा हो रहे हैं कि आखिर भाजपा पहले मुख्यमंत्री के चयन में इतनी देर लगाई और अब मंत्रिमंडल के गठन में इतना समय क्यों लग रही है क्या बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के दबाव में मंत्रिमंडल का गठन नहीं कर पा रहा है?
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा किसके दबाव में अपनी नई टीम का चयन घोषणा नहीं कर पा रहे हैं ? पूर्ण बहुमत होने के बाद भी भाजपा की अगर यह स्थिति है यह प्रदेश की जनता को सोचने पर विवश कर दिया है ।
प्रदेश के चिकित्सा विभाग वित्त विभाग शिक्षा विभाग परिवहन विभाग गृह विभाग पंचायती राज विभाग सहित बड़े-बड़े विभाग हैं जहां बिना मंत्रियों के कारण कोई नीतिगत निर्णय नहीं लिए जा पा रहे हैं ।
चिकित्सा और शिक्षा विभाग प्रदेश के ऐसे दो बड़े महकमें है जहां पर वर्तमान स्थिति में कई महत्वपूर्ण पद खाली पड़े हैं जिनके कारण व्यवस्थाएं गड़बड़ी हुई है इन महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्तियां करना तबादले करना खाली पदों को भरना यह सब बिना मंत्रिमंडल गठन के अभाव मे अटके हुए है ।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेश में 100 दिवसीय कार्य योजना तो सभी विभागों की बना दी है परंतु विभागों के मुखिया अर्थात मंत्रियों का चयन अभी तक नहीं कर पाए हैं जबकि वह स्वयं तीन बार दिल्ली जाकर मंत्रिमंडल के गठन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गृहमंत्री अमित शाह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से विचार विमर्श करके आए हैं सूत्रों के अनुसार मंत्रिमंडल में मंत्रियों का चयन भी भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व ही करेगा ।
आमजनमानस मे चर्चा है की कांग्रेस की तर्ज पर ही राजस्थान की भाजपा सरकार केंद्रीय नेतृत्व और प्रधानमंत्री मोदी व अमित शाह के रिमोट से ही चलेगी ? मंत्रिमंडल गठन में देरी का नुकसान भाजपा को हो सकता है।