Tonk News। सरपंच संघ ने पंचायतो की समस्याओ के निवारण की मांग को लेकर सरपंच संघ के जिलाध्यक्ष मुकेश मीणा के नेतृत्व में जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष नेमीचंद मीना, सरपंच संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष हंसराज फागणा, सुरज्ञान गुर्जर, सम्पत कंवर, कमलेश कुमार, विमला, गीता एवं निर्मला आदि ने दिये गये ज्ञापन में बताया कि सरपंच संघ राजस्थान ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग द्वारा संचालित योजनाओं में आ रही समस्याओं को लेकर संघर्षरत है।
वर्तमान समय में पंचायतों में आ रही वित्तीय एवं अन्य समस्याओं के बारे में अवगत कराया जा रहा है, जिसका तुरंत समाधान किया जाये, जिससे ग्रामीण क्षैत्र में रूके हुए विकास कार्य सुचारू रूप से चल सके। ज्ञापन में राज्य वित्त आयोग 2022-23 का बकाया भुगतान करीबन 600 करोड़ रूपये एवं वित्तीय वर्ष 2023-24 का करीबन 28 सौ करोड़ रूपये बकाया है।
जिन्हें जल्द जारी किया जाये, मनरेगा सामग्री बकाया भुगतान वित्तीय वर्ष 2022-23 का करीबन एक हजार करोड़ रूपये एवं वित्तीय वर्ष 2023-24 का करीबन तीन सौ करोड़ रूपये का बकाया भुगतान सम्पूर्ण जिलों में जारी किया जावे।
केन्द्रिय वित्त आयोग की राशि करीबन 29 सौ करोड़ रूपये प्रथम एवं द्वितीय किस्त जारी करवाये, जल जीवन मिशन योजना का सम्पूर्ण संचालन संधारण पीएचईडी विभाग को दिया जावे एवं पेयजल से संबंधित सभी योजनाओं के विद्युत कनेक्शनों को व्यवसायिक से हटाकर कृषि श्रेणी में किया जावे, सरपंचों का मापनदेय बढ़ाकर 20 हजार किया जावे तथा सरपंच पद का कार्यकाल पूर्ण होने पर अंतिम मानदेय की 50 प्रतिशत राशि पेंशन के रूप में भुगतान करने का प्रावधान किया जाये,
साथ ही ग्राम पंचायतों के वार्ड पंचों का बैठक भत्ता 500 रूपये प्रति बैठक किया जावे। इसके अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग एवं राज्य मार्गो के हाईवेज पर सरपंचों को टोल फ्री पास जारी करवाकर राज्य में पंचायत राज कल्याण कोष या बोर्ड की स्थापना की जाने की मांगे शामिल है।
- सरपंच संघ के अध्यक्ष मुकेश मीणा ने मांग की है कि प्रशासन द्वारा अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए जिले में चलाये जा रहे अभियान के दौरान टोंक जिले की गा्रम पंचायतों में विकास कार्यो के लिए लाई गई सामग्री (बजरी, पत्थर) आदि को प्रशासन द्वारा अनावश्यक रूप से जप्त किया जा रहा है,
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जिससे ग्राम पंचायतों के निर्माणाधीन विकास कार्य एवं सरकार की जन-कल्याणकारी योजनाऐं बाधित हो रही है, प्रशासन का यही रवैया रहा तो विकास कार्य पूर्ण तय बंद हो जायेगें। अत: उन्होने जिला कलेक्टर से मांग की है कि संबंधित विभागीय अधिकारियों को दिशा निर्देश देकर ग्राम पंचायतों एवं आमजन के हित में सहयोग किया जावे।