टोंक। राज्य सरकार एवं अल्पसंख्यक विभाग की ओर से चलाई जा रही विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं से जिले के लोगों को कैरियर, रोजगार एवं निःशुल्क कोचिंग का लाभ मिल रहा हैं। टोंक शहर की निदा खानम, मंजू जैन एवं दृष्टि जैन अल्पसंख्यक विभाग की विभिन्न छात्रवृत्तियों एवं ऋण योजनाओं में अपना पंजीकरण करवाकर लाभ प्राप्त कर अत्यंत हर्ष का अनुभव कर रहे हैं।
टोंक शहर की इकरामुद्दीन खां की हवेली में निवास करने वाली छात्रा निदा खानम बहुत ही गरीब परिवार से आती है। निदा खानम के पिता दैनिक मजदूरी करके अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे है। निदा खानम को जयपुर में स्थित जगन्नाथ यूनिवर्सिटी कॉलेज में बीटेक की शिक्षा के लिए प्रवेश लेना था।
लेकिन छात्रा निदा कॉलेज में बीटेक शिक्षा के लिए अपनी फीस भरने में असमर्थ थी। छात्रा निदा को समाचार पत्र के माध्यम से अल्पसंख्यक विभाग की शिक्षा ऋण योजना के बारे में पता चलने पर इन्होंने ऋण के लिए आवेदन किया।
आवेदन करने के बाद छात्रा को बीटेक की शिक्षा ग्रहण करने के लिए 2 लाख रुपये का ऋण स्वीकृत किया गया। अल्पसंख्यक विभाग की ओर से ऋण लेकर छात्रा निदा खानम ने कड़ी मेहनत करके बीटेक परीक्षा उर्त्तीण कर डिग्री प्राप्त की। निदा खानम ने अपनी पढ़ाई के दौरान पैसों की कमी सहित अन्य कठिनाइयों के बावजूद अपनी लगन, मेहनत एवं कठिन परिश्रम से यह साबित कर दिया कि परिस्थितियां चाहे कैसी भी हो मनुष्य को कभी भी हार नहीं माननी चाहिए। आखिकार गरीब परिवार की छात्रा निदा खानम अपनी मेहनत से न सिर्फ अपने लक्ष्य पर पहुंची, बल्कि इन्होंने अपने गरीब माता-पिता के आंखों के सपनों को भी पूरा कर दिखाया है।
वर्तमान में निदा खानम जल संसाधन विभाग टोंक में कनिष्ठ अभियंता के पद पर कार्यरत हैं। इससे इनके परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। निदा खानम को कनिष्ठ अभियंता के पद पर देखकर इनके पिता गौरवमय महसूस कर रहे है। जल संसाधन विभाग की कनिष्ठ अभियंता निदा खानम शिक्षा ग्रहण कर रही जिले की समस्त छात्राओं के लिए भी प्रेरणादायक है।
अल्पसंख्यक विभाग से ऋण लेकर मंजू जैन 15 से 20 हजार रुपये की आय अर्जित कर रही है
इसी प्रकार व्यावसायिक ऋण योजना के तहत शहर के महावीर चौक पुरानी टोंक निवासी मंजू जैन ने रेडीमेड गारमेंटस् के व्यवसाय के लिए अल्पसंख्यक विभाग से 2 लाख 66 हजार रुपये का ऋण लिया। आसानी से ऋण मिलने पर मंजू जैन को अपने छोटे से व्यवसाय को बढ़ाने में आर्थिक सहायता प्राप्त मिली।

इसके साथ ही, इनकी आय में भी वृद्धि हुई। वर्तमान में लाभार्थी मंजू जैन हर माह 15 से 20 हजार रुपये की आय प्राप्त कर रही है। अपने व्यवसाय में वृद्धि होने पर लाभार्थी ने राज्य सरकार एवं अल्पसंख्यक विभाग को ऐसी कल्याणकारी योजनाओं को आरंभ करने के लिए धन्यवाद दिया है।
मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना से दृष्टि जैन को निःशुल्क कोचिंग का लाभ मिला
मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना के तहत प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए अल्पसंख्यक विभाग द्वारा निःशुल्क कोचिंग करवाई जा रही है। उपखंड देवली की रहने वाली लाभार्थी दृष्टि जैन पुत्री एक मध्यम वर्ग से आती है। लाभार्थी के पिता अनाज मंडी में कार्य करते है।

दृष्टि जैन एक होनहार छात्रा है लेकिन आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण मेडिकल कॉलेज प्रवेश परीक्षा की तैयारी करने में असमर्थ थी। लाभार्थी को अखबार के माध्यम से ज्ञात हुआ कि विभाग द्वारा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए निःशुल्क कोचिंग करवाई जा रही है।
निःशुल्क कोचिंग के लिए दृष्टि की ओर से ऑनलाइन आवेदन करने पर मोशन प्राइवेट लिमिटेड कोटा में चयन किया गया। निःशुल्क कोचिंग योजना से लाभान्वित करने पर छात्रा दृष्टि जैन ने राज्य सरकार एवं अल्पसंख्यक विभाग का आभार जताया है।