राजस्थान भी सोना उत्पादक राज्यों में शामिल ,प्रदेश में सोने की खदानों की नीलामी 2 मई से, बांसवाड़ा के बाद अलवर में मिले सोने के भंडार

Dr. CHETAN THATHERA
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जयपुर । राजस्थान खनन बाहुल्य प्रदेश माना जाता है यहां चांदी तांबा लोहा जिसे खनिज बड़ी मात्रा में निकल रहे हैं और अब इसी कड़ी में राजस्थान का नाम देश के उन राज्यों में और दुनिया के उन प्रदेशों में शामिल होने जा रहा है जहां सोने की खदाने हैं अर्थात जहां की मिट्टी सोना बनने वाली है । राजस्थान के बांसवाड़ा के बाद अब अलवर में भी सोने के भंडार मिले हैं बांसवाड़ा में सोने की खदानों की नीलामी 2 मई से होगी।

देश में अभी सरकारी क्षेत्र में कर्नाटक राज्य मैं सोने की खदान है और यहां पर हुट्टी गोल्डमाइंस कंपनी सोने के खनन का कार्य कर रही है कर्नाटक की ही कोलार में कोलार गोल्ड फील्ड में काम हो रहा है तथा निजी क्षेत्र में मुंद्रा ग्रुप की राम माइंस की ओर से इस सेक्टर में खोज और खनन का कार्य चल रहा है इसी तरह आंध्र प्रदेश में डेक्कन गोल्ड माइंस की ओर से गोल्ड प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है।

खान सचिव आनन्दी ने यह जानकारी देते हुए बताया की प्रदेश में पहली सोने की खदान की नीलामी 2 व 3 मई को होगी। यह खानें बांसवाड़ा के भूकिया-जगपुरा और कांकरिया-गारा में मौजूद हैं। इनमें 940.26 हैक्टेयर में 113.52 मिलियन टन स्वर्ण अयस्क का आरंभिक आकलन किया गया है, जिसमें सोने के धातु की मात्रा 222.39 टन आंकी गई है।

इसी तरह कांकरिया-गारा में 205 हैक्टेयर क्षेत्रफल में 1.24 मिलियन टन स्वर्ण अयस्क संभावित हैं। खानों की नीलामी भारत सरकार के पोर्टल एमएसटीसी के जरिए होगी। इस साइट पर खान विभाग ने टेण्डर डाक्यूमेंट भी उपलब्ध करा दिया है। ई-नीलामी में देश-दुनिया की कोई भी कंपनी भारत सरकार के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराकर हिस्सा ले सकती है।

खान सचिव आनन्दी ने बताया कि इनमें भूकिया-जगपुरा की माइनिंग लीज और कांकरिया-गारा की कंपोजिट लाइसेंस (खोज व खनन) के लिए ई-नीलामी होगी। ई-नीलामी कार्यक्रम के अनुसार 21 मार्च तक टेंडर डॉक्यूमेंट क्रय किया जा सकता है। तकनीकी बिड प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 12 अप्रेल रखी गई है। इसके बाद भूकिया-जगपुरा गोल्ड माइंस के माइनिंग लाइसेंस के लिए 2 मई और कांकरिया-गारा के कंपोजिट लाइसेंस के लिए 3 मई को ई-नीलामी की जाएगी।

यह खनिज भी निकलेंगे

गोल्ड की इन खानों से सोने के साथ ही प्रचुर मात्रा में अन्य सह खनिज भी प्राप्त होंगे। इससे इलेक्ट्रोनिक, पेट्रोलियम, पेट्रोकेमिकल, बैटरी, एयर बैग सहित कई उद्योगों में नए निवेश के साथ ही प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर मिलेंगे। इलेक्ट्रोनिक क्षेत्र में कच्चे माल की उपलब्धता, बैटरी उद्योग, सिक्कों की ढ़लाई, इलेक्ट्रोनिक उद्योग आदि को बूम मिलेगा।

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम