उनियारा/ चौरु/ अशोक कुमार सैनी । टोंक जिले अलीगढ़ थानाधिकारी सुरेश चौधरी ने की पहल टोंक पुलिस विभाग हूवा गदगद थानाधिकारी की अनोखी पहल की जिले भर में हो रही प्रशंसा, कोमल के सिर से उठा थापिता का साया थानाधिकारी सुरेश चौधरी मृतक की बेटीकोमल का आजीवन उठाएंगे।
सम्पूर्ण खर्च,दरसल देवाली गांव में छत के बल्ली फेंटे हटाने के दौरान पिता बुद्धिप्रकाशकी हुई थी मौत शोकाकुल परिवार के घर पहुंच कर परिवारको बंधाया ढांढस थाने की तरफ़ से परिवार जनों को दी 50, 000 हज़ार रूपए की आर्थिक सहायता की अलीगढ़ के लोगों ने जानकारी में बताया कि किसी कार्रवाई को लेकर आरोप-प्रत्यारोप झेलने वाली वाली पुलिस के लिए अलीगढ़ से बेहद गर्व महसूस करने वाली खबरसामने आई है।

अलीगढ़ थाना प्रभारी सुरेश कुमारचौधरी समेत थाने के पुलिसकर्मियों ने अनुकरणीय कार्य किया है। तीन दिन पहले अलीगढ़ क्षेत्र में निर्माणाधीन मकान की छतगिरने से पिता को खो चुकी कक्षा 6 की छात्रा कोमल बैरवा की आजीवन पढ़ाई का जिम्मा अलीगढ़ थाना प्रभारी सुरेशकुमार चौधरी ने लिया है। वहीं उनके स्टाफ कर्मियों ने भी उस बच्ची की भविष्य में होने वाली शादी के लिए उसके नाम 50 हजार की एफडी करवाकर सोमवार को उसे सौंप दिया है।

उधर, पुलिस के इस सराहनीय कार्य की मृतक के परिवार,समाज समेत अन्य लोग प्रशंसा कर रहे हैं। गौरतलब है कीअलीगढ़ निवासी बुद्धि प्रकाश बैरवा पुत्र ग्यारसी लाल बैरवा मेहनत मजदूरी करता था। घर में दिव्यांग पत्नी एवं एक नन्हीबेटी, दो मासूम बेटों का लालन-पालन मजदूरी करके करताथा। इसी कड़ी में वह तीन दिन पहले शुक्रवार को वह देवलीगांव में चल रहे धर्मशाला निर्माण के दौरान आरसीसी की छतखोलने गया था।
इसी दौरान हादसा हो गया निमर्माणाधीनधर्मशाला की छत के बल्ली फांटे हटाते समय आरसीसी कीछत ढह गई और पूरी छत उसके ऊपर आ गिरी। इससे उसकीदबने से मौत हो गई। इसी के साथ उसके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।
इस दुख को बांटने के लिए अलीगढ थाना प्रभारी सुरेश कुमारचौधरी सोमवार दोपहर कुछ अन्य पुलिसकर्मियों के साथबुद्धिप्रकाश बैरवा के घर गए। जहां उन्होंने वहां बैठे तीनोंमासूम को दुलारते हुए वहां बैठे मृतक के समाज के पंच पटेलोंआदि की मौजूदगी में कहा कि मृतक की नन्ही बेटी कोमल कीपढ़ाई का खर्चा मैं उठाऊंगा। उन्होंने विश्वास दिलाया कि चाहेमैं कहीं भी रहूं बेटियों का पढ़ाई का खर्चा वहन करंंगा। इसकेलिए यह या इसके परिजन मुझसे मोबाइल के जरिए हमेशा संपर्क रख सकते हैं। उन्हें कभी निराशा हाथ नहीं लगेगी।

इसके अलावा पुलिस कर्मियों ने भी 50 हजार रुपए एकत्रितकर उसकी बच्ची कोमल के नाम एफडी करवाई और उसे यह कहते हुए दिया कि ये राशि इसकी शादी करने में काम आएगी। यह सुून कर और देखकर मृतक की दिव्यांग पत्नीऔर मासूमों की आंखें नम हो गई।
दो साल पहले पत्नी हुई थी दिव्यांग जानकारी मे आया कि मृतक की पत्नी जन्म से दिव्यांग नहींथी। दो वर्ष पूर्व अपने पति बुद्धि प्रकाश के साथ मजदूरी के लिए बिलौता गांव की अओर जा रहे थे। इसी दौरान सड़कदुर्घटना में उसकी पत्नी का पैर कट गया। ऐसे में पत्नी दिव्यांग हो गई थी।