भीलवाड़ा । जिले में भाजपा के अंदर आज से पहले कभी भी आंतरिक कल है खुलकर जगजाई नहीं हुआ लेकिन यह पहला मौका है कि जब भाजपा की आपसी आंतरिक लड़ाई को फुट सड़कों पर जग जाहिर हो रही है और यह आंतरिक की लड़ाई भाजपा की जीत की हैट्रिक में रुकावट बन सकती है और इसका बड़ा खामियां जा भी भारतीय जनता पार्टी को उठाना पड़ सकता है भाजपा की यह आपसी फूट कांग्रेस के लिए वरदान साबित हो सकती है ।
भीलवाड़ा में भारतीय जनता पार्टी में आपसी खींचतान और फुट का सिलसिला विधानसभा चुनाव से शुरू हुआ जो अब लोकसभा चुनाव तक भी जारी है इस आंतरिक फुट को खत्म कर एक जूता करने का पार्टी के नेताओं के प्रयास असफल होते नजर आ रहे हैं ।
विधानसभा चुनाव में भाजपा मैं अपने तीन बार के विधायक विट्ठल शंकर अवस्थी पर भरोसा जताते हुए चौथी बार चुनाव मैदान में उतारा था लेकिन भीलवाड़ा में पहली बार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जो भाजपा का ही दूसरा रूप माना जाता है ने बगावत कर दी और सद्विचार परिवार के बैनर चले भीलवाड़ा के उद्योगपति और भूमि कारोबारी अशोक कोठारी को भाजपा प्रत्याशी के सामने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतारा तथा संघ के समर्थन से कोठारी विधायक बने ।
तब सही विट्ठल शंकर अवस्थी अच्छा और कोठारी एंड कंपनी गुट में अदावत चल रही है और अब लोकसभा चुनाव में जब भारतीय जनता पार्टी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक बार फिर विरोध के चलते हुए लगातार दो बार से रिकार्ड मतों से जीता हासिल करने वाले सांसद सुभाष बहेडिया का टिकट काटकर भारतीय जनता पार्टी के संगठन में प्रमुख पदों पर रहने वाले एवं संघ के ही दामोदर अग्रवाल को चुनाव मैदान में उतारा था और चुनाव प्रचार चल रहा था।

इस घटनाक्रम के बाद सासंद बहेड़िया और पूर्व विधायक विट्ठल शंकर अवस्थी जो एक घुट मन जाता है वह कोठारी एंड कंपनी दूसरे अच्छा से नाराजगी बढ़ गई लेकिन फिर भी भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के इशारे पर पूर्व सांसद बहेड़िया और पूर्व विधायक विट्ठल शंकर अवस्थी भाजपा प्रत्याशी अग्रवाल को जीतने के लिए उनके समर्थन में लग गए परंतु बीते दिन निर्दलीय विधायक अशोक कोठारी द्वारा एक कार्यक्रम के दौरान यह बयान देना कि तबादलों में सिफारिश अर्थात डिजायर अब उनकी चलेगी।

पार्टी के हारे प्रत्याशी की नहीं चलेगी और यही नही विधायक कोठारी ने यहां तक कहा की अगर हारे हुए प्रत्याशी विट्ठल शंकर अवस्थी की उचित सिफारिश होगी तो मानी जाएगी अर्थात उनका भाव खाने का यह था कि विट्ठल शंकर अवस्थी को भी अगर कोई काम करवाना है तो वह अशोक कोठारी के जरिए ही होगा इस बयान के बाद माहौल तनातनी का हो गया और आंतरिक रूप से जबरदस्त विरोध और गुड्डू बाजी हो गई क्या अंदर ही अंदर आक्रोश और ज्वालामुखी पर अपने लग गया।
जिसका नजर शनिवार को भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं की बैठक में देखने को मिला जब नौबत मारपीट तक पहुंचने की स्थिति हो गई । इससे पहले भी मुख्यमंत्री भजनलाल के भीलवाड़ा दौरे के दौरान भी स्थिति बिगड़ते बिगड़ते रह गई थी ।
इस तरह की घटनाक्रम और निर्दलीय विधायक अशोक कोठारी के इस तरह शारीरिक रूप से बयान बाजी का नुकसान पार्टी के प्रत्याशी दामोदर अग्रवाल को कहीं उठाना ना पड़ जाए क्योंकि दूसरी ओर कांग्रेस ने राजनीति में मजे मंझे हुए धुरंधर खिलाड़ी डॉ सीपी जोशी को चुनाव मैदान में उतारा है डॉक्टर सीपी जोशी ने 10 साल पहले भी भीलवाड़ा से संसद का चुनाव लड़ा था और भारतीय जनता पार्टी के बीपी सिंह को 1 लाख से अधिक मतों से हराकर केंद्र में मंत्री पद हासिल किया था ।
भीलवाड़ा में चंबल परियोजना लाकर भीलवाड़ा के पानी की बहुत बड़ी समस्या का निदान किया था और आज भी ग्रामीण क्षेत्र हो या शहरी क्षेत्र डॉक्टर सीपी जोशी को वायरमैन के नाम से पुकारते हैं और पुकार रहे हैं हालांकि कांग्रेस पर कैसे डॉक्टर सीपी जोशी के पास कार्यकर्ताओं लंबी फौज की जरूर कमी है क्योंकि कांग्रेस में भी गुटबाजी है ।