जयपुर। एक कहावत है जब जहाज डूबने लगता है तो सबसे पहले चूहे कूद कर भागने लगते हैं शायद इसी तर्ज पर देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस का हाल है कांग्रेस छोड़कर पुराने नेताओं का पार्टी से नाता तोड़ने का सिलसिला लगातार जारी है और इसी कड़ी में एक चौंकाने वाला घटनाक्रम सामने आया है जब कांग्रेस की 22 साल पुरानी नेता और प्रखर प्रवक्ता राधिका को रामलला मंदिर अयोध्या में दर्शन करने के कारण मचे बवाल( विरोध) के बाद दुखी होकर कांग्रेस से नाता तोड़ना पड़ा ।राधिका ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता त्याग रही हूं। साथ ही अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया।
राधिका खेड़ा ने अपने इस्तीफे में लिखा कि हर हिन्दू के लिए प्रभु श्रीराम की जन्मस्थली पवित्रता के साथ बहुत मायने रखती है। रामलला के दर्शन मात्र से जहां हर हिन्दू अपना जीवन सफल मानता है, वहीं कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं।
राधिका ने लिखा कि मैंने जिस पार्टी को अपने 22 साल से ज्यादा दिए। जहां एनएसयूआई से लेकर एआईसीसी के मीडिया विभाग में पूरी ईमानदारी से काम किया, आज वहां ऐसे ही तीव्र विरोध का सामना मुझे करना पड़ा है, क्योंकि मैं अयोध्या में रामलला के दर्शन करने से खुद को रोक नहीं पाई।
राधिका ने लिखा कि मेरे इस पुनीत कार्य का विरोध इस स्तर तक पहुंच गया कि मेरे साथ छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में हुए घटनाक्रम में मुझे न्याय देने से इनकार कर दिया गया। मैंने हमेशा दूसरों के न्याय के लिए हर मंच से लड़ाई लड़ी है, लेकिन जब स्वयं के न्याय की बात आई तो पार्टी में मैंने खुद को हारा हुआ पाया।
विदित है कि 30 अप्रेल को एक ट्वीट में राधिका खेड़ा ने दावा किया था कि वह ‘पुरुषवादी मानसिकता’ से पीड़ित लोगों को बेनकाब करेंगी। रायपुर के राजीव भवन परिसर से राधिका खेड़ा का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस वीडियो में राधिका खेड़ा अपने प्रति अनादर को लेकर शिकायतें व्यक्त कर रही हैं।
गुजरात की बेटी का दर्द
आईआईटी अहमदाबाद से ताल्लुक रखने वाली राधिका खेड़ा कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता थीं। साथ ही उनके पास छत्तीसगढ़ में मीडिया को-ऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी भी थी। उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर दिल्ली की जनकपुरी सीट से पिछला विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन वह आप (AAP) उम्मीदवार से हार गईं थीं।

राधिका ने एक ट्वीट में कहा था कि, माता कौशल्या के मायके में बेटी सुरक्षित नहीं हैं, पुरुषवादी मानसिकता से ग्रसित लोग आज भी बेटियों को पैरों तले कुचलना चाह रहे हैं। मैं जल्द ही इसका पर्दाफाश करूंगी।

उन्होंने कहा था कि वह राम लला के ननिहाल में अपमानित महसूस कर रही हैं। उन्होंने भूपेश बघेल पर भी कटाक्ष किया, जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान सुशील आनंद शुक्ला को नियुक्त किया था।