टोंक (फ़िरोज़ उस्मानी)।टोंक में ज़िला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा विभाग का शुद्ध आहार-मिलावट पर युद्ध अभियान खानापूर्ति बना हुआ है। पिछले कई दिनों से चल रहे इस अभियान में कोई मिलावट का खास मामला नही पकड़ा है। टीम केवल दुकानों और होटलों में घूमकर जांच सेम्पल लेने का दिखावा कर रही है।। शहर भर में मिलावटखोर मिलावटी वस्तुओं को बेच कर भारी मुनाफा कमा रहे है,और आमजन की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे है।
फल सबिजयों से लेकर नकली घी, तेल, मावा हर चीज़ में मिलावट देखी जा सकती है। शहर के इंडस्ट्रियल एरिया में भी कई खाद्य पदार्थों की फैक्ट्रियां चल रही है,इनकी जांच में भी खानापूर्ति बरती जाती है। सवाल ये उठता है कि खाद्य सुरक्षा विभाग की पकड़ से बाहर है या विभाग की और से किसी तरह की छूट मिली हुई है ??
मंडियों में केमिकल्स से फल पक रहे है
खाद्य सुरक्षा टीम मंडियों की जांच भी नही कर रही है,,जहां शहर में फल सब्ज़ियों में भी जमकर मिलावट होती है,सच्चाई तो ये है कि फलों और सब्जियों को आर्टिफिशियल केमिकल्स से पकाया जाता है। मंडियों और मंडियों से बाहर मौजूद गोदामों में खुलेआम केमिकल्स से सब्ज़ियों और फलों को पकाया जाता है।। केल्सियम कार्बाइड की पूड़ियों को फल सब्ज़ियों के बीच मे रख कर पकाया जा रहा है,लेकिन ये नियमो के खिलाफ है ऐसा सिर्फ गैस चेम्बर में किया जा सकता है।
यही नही इथाइल तक फलों के बीच मे रखकर उनको पकाने के लिए प्रयोग किया जाता है।। आमजन के लिए काफी नुकसानदायक है।। इसी तरह गली गली आरो प्लांट संचालित है,इनकी भी जांच नही हो रही है।।कुल मिलाकर खाद्य विभाग का ये अभियान दिखावा मात्र है।