टोंक । टोंक जिले में पड़ी रही भीषण गर्मी में दाने-पानी की तलाश में परेशान हो रहे बेजूबान पशु-पक्षियों की पीड़ा को अपनी पीड़ा समझते हुए पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. छोटूलाल बैरवा आगे आए। उन्होंने गोपालन विभाग के प्रमुख शासन सचिव विकास एस भाले के निर्देश पर गुरुवार को कार्यालय परिसर में अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ मूक पक्षियों की भूख-प्यास बुझाने को लेकर परिंडे बांधे एवं उनमे पानी डालकर कार्मिकों को परिंडों की नियमित साफ-सफाई एवं इनमें प्रतिदिन दाना-पानी डालने के निर्देश दिए।
संयुक्त निदेशक डॉ. छोटू लाल बैरवा ने बताया कि गोपालन विभाग के प्रमुख शासन सचिव विकास एस भाले के निर्देश पर जिले के समस्त पशु चिकित्सालय, पशु औषधालय एवं पशु चिकित्सा उपकेंद्रों के प्रभारियों को संरक्षण कार्यक्रम के तहत परिंडे लगाने के निर्देश प्रदान किए गए है।
परिंडे बांधने के अवसर पर संयुक्त निदेशक डॉ. बैरवा ने जिले के समस्त पशुचिकित्सकों, पशुधन सहायक, जलधारी, पशुधन परिचर एवं गडरियों को संबोधित करते हुए कहा कि भीषण गर्मी में मनुष्य तो बोलकर अपनी भूख-प्यास की पीड़ा को व्यक्त कर सकता है लेकिन हमारे और प्रकृति के सच्चे मित्र अपनी पीड़ा को बोलकर व्यक्त नहीं कर सकते है। इन मूक पशु-पक्षियों के दाने-पानी की व्यवस्था करना हमारे नैतिक दायित्व के साथ-साथ सबसे बड़ा धर्म व पुण्य का काम है।
हमारा कर्तव्य है कि हम अपने घरों के आँगन, छत एवं सार्वजनिक स्थानों पर इन बेजूबान पक्षियों के लिए परिंडे लगाकर उनमे प्रतिदिन दाना-पानी रखे। संयुक्त निदेशक ने कहा कि हमारे छोटे-छोटे प्रयासों से ही आने वाली भावी पीढ़ियां ऐसे पुण्यकार्य करने के लिए प्रेरित होंगी। संयुक्त निदेशक डॉ. बैरवा ने कहा कि बेजूबान पशु-पक्षी प्रकृति के दूत हैं, पक्षी हमें हमारे पर्यावरण को बचाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। उन्होंने कहा कि दाने-पानी से भरे हुए परिंडे, पशु चिकित्सालय में उपचार के लिए आने वाले रोगी पशु-पक्षियों की भूख-प्यास बुझाने में लाभदायक साबित होंगे।
संयुक्त निदेशक ने कहा कि पशु-पक्षियों, पौधों और हरियाली का होना ही हमारे होने की शर्त है, जब तक इनका जीवन बचा रहेगा, तब तक ही मानव जाति का भी अस्तित्व रहेगा। पशु-पक्षियों को दाना-पानी देेने को हम अपनी आदत में शुमार कर लें अन्यथा मनुष्य के समक्ष भी दाने-पानी का संकट खड़ा हो जाएगा। संयुक्त निदेशक ने बताया कि गोपालन विभाग जयपुर के निर्देश पर संरक्षण कार्यक्रम के तहत परिंडा अभियान की गतिविधियां आगे भी निरंतर जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि परिंडों की नियमित साफ-सफाई एवं इनमें प्रतिदिन दाना-पानी डालने में कार्यालय के किसी भी कार्मिक की लापरवाही को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
संयुक्त निदेशक डॉ. बैरवा ने बताया कि परिंडे बांधने के दौरान उपनिदेशक डॉ. दिलीप गिदवानी, डॉ. चंद्रशेखर अरोड़ा, डॉ. सोनल ठाकुर, डॉ. विजय अग्रवाल, डॉ. सौभाग सिंह चौधरी, डॉ. लक्ष्मण सिंह बागोतिया, डॉ. शिवराज शर्मा, डॉ. हरीश मीणा, डॉ. दीप्ति मीणा,
डॉ. सुनिता रावत, डॉ. विवेकानंद, डॉ. फहीम अख्तर, डॉ. अतुल जैन, डॉ. रामवतार गोयल, डॉ. आलोक गौड़ समेत पशुधन सहायक कैलाश चौधरी, दिव्या सैनी, टीना सैनी, रूपवति वर्मा, आरती सैनी, मेघना गौत्तम, मोहम्मद फारूख खान, दिग्विजय सिंह मीणा, मुकेश चौधरी, तब्बसुम बानो, वरिष्ठ सहायक संदीप तसेरा, अनिल कुमार बैरवा, घनश्याम नायक, ताराचंद पारोचिया, दीपक बैरवा, शफीक नागौरी, मोहम्मद सालिक खान, यामीन खान एवं सौरभ जैन समेत अन्य कार्मिक मौजूद रहें।