टोंक । जिले के अलीगढ़ थाना क्षैत्र में उधार के रूपये चुकाने के लिए स्वयं के अपहरण व फिरोती मांगने की रची झूंठी कहानी का पर्दाफाश किया। अलीगढ़ थानाधिकारी सुरेश कुमार चौधरी ने बताया कि 23 मई को मण्ड़ावरा निवासी रतनलाल कंजर ने पुलिस थाने में आरोपी बलराम मीणा निवासी मण्ड़ावरा व मस्तराम मीणा निवासी कुण्डिय़ा द्वारा अपने पुत्र हरिश कंजर का अपहरण कर चार लाख रुपए की फिरोती मांगने का मामला दर्ज कराया गया। इस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जाँच शुरू की गई।
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक संजीव नैन के निर्देशानुसार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक टोंक सरिता सिंह एवं उनियारा वृत्ताधिकारी सलेह मोहम्मद के सुपरविजन में अलीगढ़ थानाधिकारी सुरेश कुमार चौधरी ने आसूचना संकलन व तकनीकी माध्यम से जानकारी जुटाकर हैड़ कानि. ओमप्रकाश मय पुलिस जाप्ते के साथ प्रकरण में अपहृत हरिश पुत्र रतनलाल कंजर निवासी मण्ड़ावरा को खोहल्या से दस्तयाब किया। मामले पुलिस जाँच में अपहृत हरिश कंजर द्वारा स्वयं के अपहरण व फिरोती मांगने की झूंठी कहानी बनाना सामने आया।
ऐसे रची स्वयं के अपहरण की झूंठी कहानी:-
अलीगढ़ थानाधिकारी सुरेश कुमार चौधरी ने बताया कि मामले की जाँच में सामने आया कि हरिश धनावत पुत्र रतनलाल निवासी मण्ड़ावरा ने लगभग एक साल पहले अपने परिचित मस्तराम मीना निवासी कुण्डिय़ा से चार लाख रुपए उधार लिये थे, जो वापस नही चुका पा रहा था। 21 मई 24 को हरिश कोटा चला गया था। 22 मई 24 को हरिश ने अपने मोबाईल से अपने परिजनों को वीडिय़ो काँल करके सूचना दी कि मेरा मस्तराम मीणा ने अपहरण कर बंधक बना रखा है।
इसको चार लाख रूपये की फिरोती दोगें तभी मुझे छोड़ेगा, परन्तु हरिश धनावत के पिता रतनलाल द्वारा फिरोती देने के बजाय अलीगढ़ पुलिस में मामला दर्ज करवाने पर से हरिश का स्वंय का ही दाव उलटा पड़ गया और जब पुलिस ने हरिश को दस्तयाब किया तो उसने उधार चुकाने के लिए अपने अपहरण की झूंठी कहानी रचना बताया।