जयपुर । प्रदेश में भाजपा सरकार ने सत्ता संभालने के बाद अब प्रदेश की कुछ नगर परिषदों को नगर निगम में बदलने और कुछ एक नगर निगम को दो टुकड़ों में विभाजित कर दो नगर निगम बनाए गए निगमो को वापस एक करने की कवायत में जुड़ गई है।
राजस्थान में गहलोत नीत स कांग्रेस सरकार ने राजनीतिक लाभ और जरूरत को देखते हुए कुछ पंचायत को नगर पालिकाओं में तब्दील किया था अर्थात उन पंचायत को नगर पालिकाएं बनाई गई थी जयपुर जोधपुर तथा कोटा में नगर निगमो को दो टुकड़ों में बांट दिया गया था अब जब इन नगर निगमो को दो टुकड़ों में विभाजित कर दो निगम बनाए गए थे तब इसका सरकार के ही कुछ नेताओं और मंत्रियों में विरोध भी किया था लेकिन उनके विरोध की आवाज को दबा दिया गया था ।
प्रदेश में अब भाजपा सरकार ने आने के बाद इस दिशा में भी कवायत शुरू करते हुए जयपुर जोधपुर और कोटा में दो दो नगर निगम को वापस पहले की तरह मर्ज कर एक-एक ही नगर निगम करने के साथ ही प्रदेश के भीलवाड़ा अलवर पाली सीकर नागौर श्रीगंगानगर और बांसवाड़ा में से करीब चार शहरों में नगर निगम बनाने की कवायत सरकार ने शुरू कर दी है और इस दिशा में स्वास्थ्य शासन विभाग के स्तर पर जनसंख्या के आंकड़े जुटाए जा रहे हैं।
नियमों के अनुसार नगर निगम बनाने के लिए 5 लाख की आबादी शहरी क्षेत्र में होनी चाहिए परंतु सरकार चाहे तो विशेष परिस्थितियों में से छूट भी दे सकती है सूत्रों के अनुसार नियम और मापदंडों के आधार पर भीलवाड़ा अलवर सीकर और पाली को नगर निगम बनाया जा सकता है ? इसकी घोषणा भी भाजपा सरकार जुलाई माह में बजट सत्र के दौरान कर सकती है और इसे निकालने के चुनाव से पहले ही क्रियान्वित भी करने के मूड में है।