जयपुर। राजस्थान में अशोक गहलोत नीत कांग्रेस सरकार ने राजनीतिक लाभ उठाने और सत्ता में वापसी के उद्देश्य से प्रदेश में 33 जिलों की संख्या को बढ़ाकर 17 नए जिले बनाकर 50 कर दिए थे अब भाजपा सरकार प्रदेश में बनाए गए 17 नए जिलों में से करीब 12 जिलों को वापस खत्म कर उनसे जिले का अधिकार छीनने की कवायत शुरू हो गई है । प्रदेश में जिलों की संख्या केवल 37 रहने की संभावना अधिक है।
गहलोत सरकार द्वारा जब नए जिले बनाए गए थे तब भी काफी विरोध हुआ था लेकिन सरकार ने इस विरोध की अनदेखी कर दी थी और विरोध करने वाले नेताओं और जनता को आश्वासन के चीते देखकर ठंडा कर दिया था भाजपा सरकार ने सत्ता में आते ही नए जिलों के गठन के पीछे आखिर क्या उद्देश्य रहा क्या वास्तव में नए जिलों की जरूरत थी।
इसको लेकर एक समीक्षा करने के लिए आदेश दिए थे इस आदेश के तहत जब समीक्षा रिपोर्ट कर को भेजी गई तो समीक्षा रिपोर्ट में पुलिस विभाग ने खैरतल तिजारा केकड़ी शाहपुरा से जिले का दर्जा हटाने की मांग की थी क्योंकि इनका कार्य चक्र बहुत ही छोटा है दो या तीन थाना क्षेत्र तक की सीमित है ऐसे में वहां पर एक डिप्टी एसपी का पद ही पर्याप्त है एसपी और एएसपी का कार्य क्षेत्र बनता ही नहीं है ।
इस समीक्षा रिपोर्ट के बाद सरकार ने इसे गंभीरता से लिया और पांच मंत्रियों की कैबिनेट सब कमेटी बनाकर रिपोर्ट मांगी है इस कैबिनेट कमेटी दूदू विधानसभा क्षेत्र से भाजपा से जीते और उपमुख्यमंत्री बने प्रेमचंद बेरवा के संयोजन में बनाई गई है जिसमें उद्योग मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ जलदाय मंत्री कन्यालाल चौधरी राजस्व मंत्री हेमंत मीना और जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत को सदस्य बनाते हुए कमेटी से रिपोर्ट मांगी है।
सूत्रों के अनुसार जो अब तक जांच पड़ताल समीक्षा और गहनता प्रबंधन से सामने आया है कि राजस्व विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार 12 जिलों का सीमांकन आबादी जिला बनाने के मापदंड पर बिल्कुल खरे नहीं उतर रहे हैं जिनमे जयपुर ग्रामीण जोधपुर ग्रामीण, दूदू (जयपुर), खैरथल-तिजारा (अलवर), शाहपुरा (भीलवाड़ा), सांचौर (जालोर), डीग (भरतपुर), गंगापुर सिटी (सवाईमाधोपुर), कोटपूतली-बहरोड़ (जयपुर), सलूम्बर (उदयपुर), नीमकाथाना (सीकर), केकड़ी (अजमेर), अनूपगढ़ (बीकानेर) और फलोदी (जोधपुर) मालनुरा(टोंक) आदि जिलों से जिलों का दर्जा वापस लिया जा सकता है।
जो नए जिले जिला बनाने के मापदंड पर खरे उतरे हैं उनमें ब्यावर डीडवाना कुचामन और बालोतरा है ऐसे में 17 नए जिलों में से तीन नए जिले ही बच सकते हैं ?