सत्य पाल मलिक की जीवनी हिंदी | जन्म, शिक्षा, परिवार, राजनीतिक दल ,संपत्ति | Satya Pal Malik Biography in Hindi

Reporters Dainik Reporters
8 Min Read
Satya Pal Malik Biography Hindi | Birth, Education, Family, Political Party, Property

Satya Pal Malik Biography in Hindi : सत्य पाल मलिक भाजपा के वरिष्ठ नेता रह चुके है. उन्होंने 2004 में पार्टी की सदस्यता ली थी और तब से वे पार्टी से जुड़े रहें. वे पार्टी के विभिन्न पदों पर रह चुके है. बाद में उन्हें बिहार का राज्यपाल बना दिया गया.

उसके बाद फिर उन्हें जम्मू कश्मीर, गोवा, मेघालय जैसे राज्यों का राज्यपाल बनाया गया. वे अब तक पांच राज्यों के राज्यपाल रह चुके चुके है. वे बिहार, जम्मू कश्मीर, गोवा, मेघालय सहित उड़ीसा के राज्यपाल रहें है. बिहार में राज्यपाल रहते उन्हें उड़ीसा का पदभार दिया गया था.

Satya Pal Malik Birth & Family

Satya Pal Malik Biography in Hindi : सत्य पाल मलिक का जन्म 24 जुलाई, 1946 को उत्तरप्रदेश के बागपत जिले के हिसवाड़ा गांव में हुआ था. उनके पिता का नाम बुद्ध देव सिंह है और माता का नाम जगबीरी देवी था.

उनके पिता बुद्ध देव सिंह एक किसान थे सत्य पाल मलिक जब दो वर्ष के थे उसी समय उनके पिता की मृत्यु हो गई थी पिता की मृत्यु के बाद उनका पालन पोषण उनकी माता जगबीरी देवी ने ही किया था.

सत्य पाल की शादी 14 दिसंबर 1970 में इकबाल मलिक से हुई है. सत्य पाल मलिक हिन्दू है. वह जाति से जाट है.

Satya Pal Malik Education

Satya Pal Malik Biography in Hindi : सत्य पाल मलिक की प्रारंभिक शिक्षा पडोसी गांव के एक प्राथमिक विद्यालय में हुई और फिर बाद में ढिकौली गांव के इंटर कॉलेज से माध्यमिक शिक्षा पूरी की.

बाद में आगे की पढाई वे मेरठ कॉलेज से की मेरठ कॉलेज से 1966 में बीएससी और उसके बाद 1969 में कानून की पढाई (LLB) पूरी की. यही से उनका संपर्क एक नेता से हुआ और वह एक समाजवादी छात्र नेता के रूप में अपने आपको समाज के सामने पेश किया.

सत्य पाल मलिक राम मनोहर लोहिया से प्रेरित थे कहते है यही से उनकी राजनीतिक यात्रा आरम्भ हो गई.

Satya Pal Malik Political Career

Satya Pal Malik Biography in Hindi :सत्य पाल मलिक का अन्य नेताओ की भांति ही राजनीति में आगमन छात्र राजनीति से हुआ था.

वे पहली बार 1968 में छात्र संघ का चुनाव लड़ा और मेरठ कॉलेज के पहले छात्र अध्यक्ष चुने गए. उन दिनों वे उसी कॉलेज में पढाई कर रहें थे. वे मेरठ के कॉलेज में दो बार छात्र संघ के अध्यक्ष चुने जा चुके थे.

उन्होंने बागपत से वर्ष 1974 में भी चुनाव लड़ा और चौधरी चरण सिंह के भारतीय क्रांति दल से जनता ने उन्हें विधायक के रूप में चुन लिया. तब तक सत्य पाल मलिक की पहचान क्षेत्रीय नेताओ में हो चुकी थी.

वे किसानो के मुद्दों को उठाया करते थे. बाद में सत्य पाल मलिक वर्ष 1980 से लेकर वर्ष 1986 तक और फिर वर्ष 1986 से लेकर वर्ष 1992 तक दो कार्यकाल के लिए उत्तर प्रदेश से राज्य सभा सदस्य चुने गए.

वह वर्ष 1989 में जनता दल के टिकट पर अलीगढ से लोक सभा के लिए भी चुने गए. इस जीत के साथ वह पहली बार लोकसभा में पहुंचे और अब उनकी पहचान क्षेत्रीय नेता से एक राष्ट्रीय नेता की हो गई.

बाद में वे फिर समाजवादी पार्टी के टिकट पर वर्ष 1996 में अलीगढ से चुनाव लड़ा लेकिन इस बार उनकी बुरी तरह से हार हुई उस चुनाव में वे चौथे स्थान पर रहें.

इसके बाद उन्होंने पार्टी बदल ली और वर्ष 1984 में वे कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए. वे कांग्रेस के टिकट पर एक बार फिर से राज्यसभा सदस्य चुने गए. लेकिन उन्ही दिनों कांग्रेस प्रमुख व तात्कालिक प्रधानमंत्री राजीव गांधी के विरुद्ध विश्वनाथ प्रताप सिंह बोफोर्स घोटाले को लेकर देशव्यापी हंगामा का नेतृत्व कर रहे थे. इसी कारण सत्य पाल मलिक ने कांग्रेस से त्यागपत्र दे दिया और वर्ष 1989 में फिर से जनता दल में शामिल हो गए.

जनता दल में शामिल होते ही वर्ष 1989 में होने वाले आम चुनाव में खड़े हो गए और उन्हें इस बार जीत हासिल हुई. इस तरह वे अलीगढ से सांसद बन गए और उन्हें नयी सरकार में मंत्री बनाया गया. सत्य पाल मलिक वर्ष 1990 में नयी सरकार में केंद्रीय पर्यटन एवं संसदीय राज्यमंत्री बने.

लेकिन जब देश में अटल बिहारी बाजपेयी का दौर आया तब वे वर्ष 2004 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए और लोकसभा के लिए चुनाव लड़ा. लेकिन इस बार उन्हें परायज का सामना करना पड़ा.

वे पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के बेटे अजित सिंह से हार गए. लेकिन हार के बाद भी उन्होंने इस बार अपनी पार्टी नहीं बदली और भाजपा से जुड़े रहे. इसके बाद सत्य पाल मलिक फिर अन्य पार्टी की ओर नहीं गए.

वर्ष 2014 में जब लोकसभा चुनाव आया तो सत्य पाल मलिक को भाजपा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिया. सत्य पाल मलिक के लिए यह जिम्मेदारी उनके राजनैतिक करियर की सबसे महत्वपूर्ण थी, क्योकि उस समय तक भाजपा देश की एक बड़ी पार्टी बन चुकी थी.

इतना ही नहीं मलिक को इससे पहले भी पार्टी की ओर से राजस्थान के विधानसभा चुनाव की भी जिम्मेदारी दी गई थी. बाद में उन्हें भाजपा किसान मोर्चा का प्रभारी भी बना दिया.

वर्ष 2017 में उन्हें अब तक की सबसे बड़ी जिम्मेदारी दी गई. सत्य पाल मलिक को रामनाथ कोविद के राष्ट्रपति बनने के बाद बिहार में खाली पड़े पद पर बिहार का राज्यपाल का पद दे दिया गया.

उन्होंने 30 सितंबर 2017 को बिहार के 27वें राज्यपाल का पद संभाला. सत्य पाल मलिक 21 अगस्त, 2018 तक बिहार के राज्यपाल रहें.

23 अगस्त, 2018 को उन्हें तात्कालिक राष्ट्रपति रामनाथ कोविद के द्वारा जम्मू कश्मीर का राज्यपाल बनाया गया. 23 अगस्त, 2018 से लेकर 30 अक्टूबर, 2019 तक वे जम्मू कश्मीर के राज्यपाल बने रहें.

महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्ही के राज्यपाल रहते जम्मू – कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का संवैधानिक निर्णय 5 अगस्त, 2019 को लिया गया था. बाद में उन्हें 3 नवंबर 2019 को को गोवा के 18वें राज्यपाल बनाया गया.

इस पद पर वे 18 अगस्त, 2020 तक रहें. 18 अगस्त, 2020 को उन्हें मेघालय के 19वें राज्यपाल के रूप में शपथ दिलाई गई. इस पद पर वे 4 अक्टूबर, 2022 तक रहें.

Satya Pal Malik Net Worth

Satya Pal Malik Biography in Hindi :खेती वाली जमीन – 13,00,000 लाख रूपये

गैर-खेती वाली जमीन – Nil

बिल्डिंग – 1,00,000 लाख रूपये

आवासीय भवन – 40,00,000 लाख रूपये

कैश – 35,000 हजार रूपये

बैंक डिपॉजिट एवं अन्य जमा – 19,44,000 लाख रूपये

बांड्स एवं शेयर – 2,10,000 लाख रूपये

वाहन – Nil

ज्वेलरी – 1,00,000 लाख रूपये

अन्य सम्पत्ति – 22,89,000 लाख रूपये

कुल संपत्ति – 76,89,000 लाख रूपये

Share This Article
[email protected], Provide you real and authentic fact news at Dainik Reporter.