क्या है क्रिप्टो करेंसी ?
क्रिप्टो करेंसी एक तरह की डिजिटल या आभासी मुद्रा होती है जिसका कोई भौतिक अस्तित्व नहीं होता है और आमतौर पर इसे कानूनी मान्यता भी नहीं मिली होती है। लेकिन लोग अवैध तरीके से लेन-देन में इसका इस्तेमाल करते हैं। इस तरह की करेंसी को बेहद जटिल कोड से तैयार किया जाता है और इसे बनाने की प्रक्रिया काफी जटिल होती है। जैसे रुपए, डॉलर या पाउंड मीडियम ऑफ ट्रांजेक्शन की तरह इस्तेमाल किए जाते हैं वैसे ही क्रिप्टो करेंसी को भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
क्रिप्टोकरेंसी बिल
क्रिप्टोकरेंसी बिल 2021, एक विधायी पहल है, जिसे भारत में क्रिप्टोकरंसी के संपन्न बाजार को विनियमित करने के लिए सरकार द्वारा लोकसभा में पेश किया गया था। यह बिल अभी भी लंबित है और फिलहाल परामर्श के लिए खुला है, जिसकी वजह से बिल को पास होने में अभी कुछ और समय लग सकता है।
देश में क्रिप्टो को लेकर भारत सरकार ने केंद्रीय बजट 2022 में आभासी संपत्ति पर कराधान पेश किया था। इसे क्रिप्टो पर नकेल कसने की ओर पहला कदम बताया जा रहा है। भारत में वज़ीरएक्स (WazirX), कॉइनडीसीएक्स (CoinDCX), ज़ेबपे (Zebpay), इत्यादि जैसे प्लेटफॉर्म से इस करेंसी में ट्रेडिंग होती है।
ई-रुपी
पिछले साल दिसंबर महीने में भारतीय रिजर्व बैंक ने देश की पहली डिजिटल करेंसी ई-रुपी (e-RUPI) को लॉन्च किया था। डिजिटल रुपया या eINR या E-Rupee भारतीय रुपये का एक सांकेतिक डिजिटल संस्करण है, जिसे भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा के रूप में जारी किया जाता है।
e-RUPI के आधिकारीक वेबसाइट के मुताबिक देश में 8 बैंक भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी बैंक, ऐक्सिस बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक, इंडसइंड बैंक और आईसीआईसीआई बैंक में e-RUPI लाइव है।
रविंद्र आर्य
सामाजिक कार्यकर्त्ता एवं लेखक
9953510133