दिल्ली। कुछ दिन पहले ग्रीस ( Greece ) से खबर आई कि यहां लंबे वक्त से पानी के भीतर मौजूद एक शहर की खोज हो गई है। इसे 375 साल पुराना माना जा रहा था। ये खोज ग्रीस के जकीन्थोस ( Zakynthos ) में समुद्र ( Sea ) के भीतर हुई। ये शहर यहां क्यों है, इसके पीछे का रहस्य भी अब खुल गया है।
ऐसी खबर आई कि विशेषज्ञों ने अटलांटिक सागर के मध्य में एक लापता महाद्वीप की खोज की है, जो 375 साल से खोया हुआ था। पानी के नीचे इस शहर की खोज सबसे पहले तब हुई, जब साल 2013 में जकीन्थोस के तट पर रहस्यमयी खंडहर पाए गए थे।
ये आयोनियन द्वीप समूह में तीसरा सबसे बड़ा तट है। इसका नाम ग्रीक पौराणिक कथाओं से लिया गया है। इंडिपेंडेंट यूके की रिपोर्ट के अनुसार, जकीन्थोस में एलिकनास के खाड़ी क्षेत्र में कुछ खंडहर पाए गए थे, जो 30 एकड़ से अधिक तक फैले हुए थे।
ये समुद्र तल से दो से छह मीटर की गहराई पर थे। इनमें पत्थरों से बने फुटपाथ और बीच में बड़े गोल आकार के साथ 20 स्तंभों की नींव दिखाई दी। पत्थर के ये बड़े स्लैब प्राचीन पब्लिक बिल्डिंग के फर्श से मिलते जुलते थे।
इन्हें देखकर पुरातत्वविदों को लगा कि यह किसी बंदरगाह या फिर प्राचीन इमारत का हिस्सा हो सकते हैं, जिसके बारे में किसी को कभी पता नहीं चला। लेकिन इसके पीछे का रहस्य भी अब सुलझ गया है।
पुरातत्वविदों ने साइट का दौरा किया और सैंपल एकत्रित किए। इससे उन्हें जो नतीजे मिले, वो खुश करने वाले नहीं हैं। पता चला कि उन्होंने पानी के नीचे मौजूद किसी रहस्यमयी शहर की खोज नहीं की है बल्कि ये खंडहर प्राकृतिक रूप से 5000 साल पहले बने कंक्रीट हैं।
जो यहां मौजूद खनिज और अन्य चीजों से दुर्लभ भूवैज्ञानिक घटनाओं के कारण बने थे। खोज के नतीजे सामने आने के बावजूद द्वीप पर रहने वाले स्थानीय लोग इस बात को नहीं मान रहे कि खंडहर प्राकृतिक रूप से बने हैं।
उनका कहना है कि पुराने दस्तावेजों से पता चलता है कि कभी एलीकनास की खाड़ी में कुछ स्थित था।