नई दिल्ली/ अलीगढ़ विश्वविद्यालय के छात्र संगठन का आतंकवादी नेटवर्क सामने आया जब उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) ने बड़ी आतंकी साजिश को नाकाम करते हुए 4 संदिग्ध आईएसआईएस (ISIS) आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है। इनमें से एक आतंकी राकिब इमाम को अलीगढ़ से और नवेद सिद्दकी, नोमान व मोहम्मद नाजिम को सम्भल से गिरफ्तार किया गया है।
एटीएस द्वारा गिरफ्तार किए गए चारों आरोपियों की पहचान रकीब इमाम अंसारी (29), नावेद सिद्दीकी (23), मोहम्मद नोमान गफ्फार (27) और मोहम्मद नाज़िम (33) के रूप में हुई है। चारों अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) से बी.टेक और बीएससी किए हुए हैं। उच्च शिक्षित होने के बावजूद ये आईएसआईएस मॉड्यूल के सक्रिय सदस्य के तौर पर काम कर रहे थे।
इन संदिग्ध आतंकियों के पास से जेहादी साहित्य सहित कई आपत्तिजनक वस्तुएं बरामद हुई हैं। एटीएस इन्हें रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। एटीएस ने कहा कि चारों छात्र अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) और आईएसआईएस से जुड़े थे और राज्य भर में आतंकी गतिविधियों की साजिश रच रहे थे।
डीजी (कानून एवं व्यवस्था) प्रशांत कुमार के अनुसार आरोपी आईएसआईएस की विचारधारा से प्रेरित थे और राज्य में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए अपने आईएसआईएस आकाओं से निर्देश ले रहे थे। एटीएस ने उनके पेन ड्राइव से आईएसआईएस और भारतीय उपमहाद्वीप में अल कायदा (एक्यूआईएस) से सम्बन्धित प्रचार सामग्री बरामद की है।
एटीएस ने कहा कि गिरफ्तार किए गए चारों लोगों के नाम अरसलान और तारिक से पूछताछ के दौरान सामने आए थे, जिन्हें 6 नवम्बर को गिरफ्तार किया गया था। बाद में 8 नवम्बर को एक अन्य संदिग्ध वजीहुद्दीन को गिरफ्तार किया गया। उसने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में पीएचडी की है। एटीएस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार अब तक मॉड्यूल के सात सदस्यों को गिरफ्तार किया जा चुका है। उन्होंने कहा, ”उनके मॉड्यूल और ऑपरेशन के बारे में अधिक जानने के लिए सभी सातों जनों का एक साथ सामना कराया जाएगा।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा शाहनवाज आलम और रिजवान अशरफ की गिरफ्तारी किए जाने के बाद अरसलान और तारिक के नाम पहली बार सामने आए थे। वे अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एसएएमयू) के छात्रों से जुड़े हुए थे। एटीएस के अनुसार इस छात्र संगठन के कुछ सदस्य आईएसआईएस के प्रति सहानुभूति रखने वाले हैं।
आलम और अशरफ आत्म-कट्टरपंथी थे और उन्होंने खुलासा किया था कि वे 2 अक्टूबर को अयोध्या, दिल्ली के अक्षरधाम और मुम्बई के चबाड़ हाउस में हमले की योजना बना थी अशरफ के एक विदेशी-आधारित हेंडलर और मॉड्यूल के शेष सदस्यों के साथ सम्पर्क में होने व आईएसआईएस में शामिल होने के लिए संकल्पित होने की भी जानकारी मिली है।
सूत्र बताते हैं कि एटीएस की जांच में सामने आया है कि नोमान, नाजिम और नावेद आईएसआईएस आतंकी संगठन के लिए युवाओं को जोड़ने का काम कर रहे थे। इसके बाद इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
संपर्क वाले परेशान
इन युवकों के आतंकी संगठन से जुड़े होने की जानकारी से लोग हैरान हैं। इसके अलावा जो युवक इन आरोपियों के सम्पर्क में रहते थे, उनके परिजन भी परेशान हैं। वहीं दूसरी ओर स्थानीय खुफिया इकाई ने मामले में छानबीन शुरू कर दी है। खुफिया टीम का मानना है कि इनके सम्पर्क में काफी युवक रहे होंगे।
यूपी एटीएस के एडीजी मोहित अग्रवाल के अनुसार ये सभी आतंकी यूपी में बड़ी आतंकी घटना को अंजाम देने की कार्ययोजना पर काम कर रहे थे।
एडीजी के अनुसार अलीगढ़ से गिरफ्तार राकिब भदोही का रहने वाला है और एएमयू से बीटेक और एमटेक किया हुआ है। वहीं सम्भल के रहने वाले नवेद, नोमान और नाजिम में से नवेद एएमयू में बीएससी का छात्र है, वहीं नोमान व नाजिम यहीं से पहले ही स्नातक कर चुके हैं। आतंकियों के पास से एटीएस को मिले पेनड्राइव में आतंकी गतिविधियों के प्रचार-प्रसार और जेहाद सम्बंधी साहित्य मिला है।
भारत में शरिया कानून लागू करवाना उद्देश्य
अग्रवाल के अनुसार अब तक गिरफ्तार किए गए सभी आतंकी देश में शरिया कानून लागू करने के अभियान के तहत हिंसात्मक घटनाओं को अंजाम देने के लिए उत्तर प्रदेश के कई शहरों में युवकों को बरगला रहे थे। साथ ही गोपनीय ठिकानों पर उन्हें आतंकी जिहाद के लिए प्रशिक्षित भी कर रहे थे। आतंकियों से पूछताछ में यह भी जानकारी मिली है कि ये कम उम्र के युवकों को आईएसआईएस में भर्ती करने के साथ ऑनलाइन प्लेटफार्म के जरिए उन्हें आतंकी जिहाद के बारे में प्रशिक्षण भी दे रहे थे।
एडीजी अग्रवाल के अनुसार सभी गिरफ्तार आतंकियों को अदालत में पेश करके विधिक कार्यवाही की जाएगी। इसके बाद इन्हें रिमांड पर लेकर पूछताछ करते हुए जांच को आगे बढ़ाया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश के करीब आधे दर्जन शहरों में फैले आतंकियों के जाल के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है।
एएमयू के छात्र संगठन से भी जुड़े थे आतंकी
एमएयू में पढ़ाई करने के साथ ही ये आतंकी छात्र संगठन ‘स्टूडेंट ऑफ अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ‘ (एसएएमयू) से भी जुड़े हुए थे। इस संगठन की बैठकों के जरिए भी एक दूसरे से सम्पर्क करके नए लोगों को आईएसआईएस से जोड़ने का काम कर रहे थे। देश व प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में बड़ी आतंकी घटनाओं को अंजाम देने की कार्य योजना पर भी काम कर रहे थे। इसके लिए वह युवाओं की टीम भी तैयार कर रहे थे।