छत्तीसगढ/ स्कूल जिसे शिक्षा का मंदिर कहां जाता है और यहां से विद्यार्थी शिक्षकों से शिक्षा अर्जन कर कोई नेता बनता तो कोई उद्योगपति तो कोई अधिकारी लेकिन अब शिक्षा के मंदिर भी बदनाम होने लगे हैं । अपवाद स्वरूप कुछ शिक्षक भी मर्यादाएं भूलकर इस शिक्षा के मंदिर को और पूरे शिक्षक समाज को बदनाम करने पर तुले हुए हैं ।
ऐसा ही एक मामला जिले के कांकेर स्थित इंद्रप्रस्थ हाई स्कूल में घटित हुआ जहां के प्रिंसिपल को स्कूल की ही महिला स्टाफ के साथ आपत्तिजनक हालत में वीडियो वायरल होने के बाद एरिया में खलबली मच गई और उसे विभाग ने कार्रवाई करते हुए सस्पेंड कर दिया है।
राजस्थान के भीलवाडा मे भी शिक्षा विभाग मे एक अधिकारी अभी इसी तरह सुर्खियों मे है ।
घटना इंद्रप्रस्थ गांव के पीवी 39 स्थित हाईस्कूल की है यहां पर राजेश पाल प्राचार्य के रूप में पदस्थ हैं । आरोप है कि उनका मिडिल स्कूल की एक शादीशुदा महिला स्टाफ से अवैध संबंध है। बात यहां तक भी ठीक थी, लेकिन दोनों ने स्कूल में ही रंगरेलियां मनानी शुरू कर दी ! बताया जा रहा है कि पढ़ाई के अलावा भी छुट्टी के दिन दोनों स्कूल में मिलते। फिर प्राचार्य कक्ष से जुड़े स्टोर रूम में मिलते थे। इसका पता गांव के लोगों को भी था। गांव वालों ने बैठक कर समझाया लेकिन प्रिसिंपल पर इस समझाइश का कोई असर नही पडा।
प्राचार्य की इस हरकत का गांव में विरोध होने लगा इसे लेकर फरवरी में ही गांव के कुछ लोगों के साथ स्कूल स्टाफ की बैठक भी हुई। तब गांव की बदनामी के चलते प्राचार्य को मौखिक रूप से स्कूल छोड़ने भी कहा गया, लेकिन वह बहाने बनाते यहीं डटा रहा। इस पर ग्रामीणों ने शिकायत की, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
तभ परेशान होकर ग्रामीणों नेदोनो का चोरी छुपे आपत्तिजनक हालत मे मिलने का वीडियो बनाया और 18 अप्रैल को कलेक्टर चंदन कुमार से शिकायत कर दी। उन्होंने जांच कराई तो मामला सही निकला।
इंद्रप्रस्थ मिडिल स्कूल में वर्ग-2 शिक्षक के रूप में पदस्थ राजेश पाल को साल 2013-14 में वर्ग-1 में पदोन्नत कर हाईस्कूल में भेजा गया। साथ ही उन्हें यहां प्राचार्य बनाया गया। प्राचार्य राजेश पाल का मिडिल स्कूल में रहने के दौरान ही वहां की महिला स्टाफ से संबंध था। इस दौरान भी ये बात उजागर हुई थी। उन्हें चेतावनी भी दी गई, लेकिन कुछ दिन बाद पूरी घटना दब गई और मामला ठंडा पड़ गया। अब वीडियो वायरल होने के बाद फिर मामले ने तूल पकड़ा है।
संकुल में इस घटना होने के बाद फरवरी अंत में बैठक रखी गई। महिला स्टाफ की हरकतों को देखते हुए उसे तत्काल कार्य से हटा दिया गया। एक साथ चलने वाले मिडिल व हाईस्कूल को अलग-अलग कर दिया गया।
इतना होने के बाद भी इसकी जानकारी न तो स्कूल स्टाफ ने और न ही संकुल समन्वयक ने BEO को दी। BEO केजुराम सिन्हा के अनुसार 18 अप्रैल को स्कूल से इसकी शिकायत मिली है। इसकी जांच कर DEO को रिपोर्ट सौंपी है।।
जिला शिक्षाधिकारी टीआर साहू ने कहा इंद्रप्रस्थ हाईस्कूल में पदस्थ प्राचार्य के खिलाफ शिकायत मिली थी। BEO से इसकी जांच करा कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन कलेक्टर को प्रेषित किया गया था। इसके बाद कलेक्टर ने प्राचार्य को निलंबित कर दिया है।
राजस्थान के भीलवाड़ा मे भी….
राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में भी शिक्षा विभाग के एक अधिकारी इन दिनों अच्छे खासे इसी तरह के मामले को लेकर सुर्ख़ियों में है और इनकी कारगुजारी की खबर विभाग के निदेशालय के आला अधिकारियों तक पहुंच गई है । अपुष्ट सूत्रों के अनुसार विभाग के आला अधिकारियों तक भीलवाड़ा के इस अधिकारी की सूचना सबूतों सहित तक जा चुकी है और कभी भी गाज गिर जाए तो कोई अतिशयोक्ति नही ।
बताया जाता है कि यह अधिकारी पहले भीलवाड़ा शहर के निकट सीनियर सेकेंडरी स्कूल में प्रिंसिपल रहते हुए महिला से छेड़छाड़ के मामले को लेकर ही गांव वालों के आक्रोश और बदनामी जैसी घटना का शिकार हो चुके हैं ।