ट्रक आपरेटर्स में भारी रोष
जयपुर। राजस्थान में आने वाले 2-4 दिनों में सब्जी और खाने-पीने की अन्य चीजों को लेकर भारी किल्लत हो सकती है। बीते 7 दिन से पूरे राजस्थान के करीब 6 लाख से ज्यादा ट्रकों के पहिए थमे हुए हैं। इस मामले में अभी तक न राज्य सरकार से कोई बात हुई है और न ही केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की तरफ से कोई आश्वासन मिला है, जिसके चलते ट्रक आपरेटर्स में भारी रोष है।
मामले को लेकर कल जयपुर में ही दिल्ली-अजमेर बाईपास पर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का पुतला फूंक कर विरोध किया जाएगा। विश्वकर्मा ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के महामंत्री रतन यादव ने बताया कि ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस का उनको समर्थन मिल रहा है और कल से पूरे देश में इसको लेकर असर देखने को मिल सकता है। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के अंतर्गत पूरे देश में 93 लाख ट्रक ऑपरेटर सदस्य हैं।
रतन यादव का कहना है कि अब तक उन्होंने सब्जियों और दवाओं को ट्रक ट्रांसपोर्ट से की हड़ताल से दूर रखा था, लेकिन यदि सरकार की तरफ से कोई आश्वासन या वार्ता का न्योता नहीं मिला तो अगले एक दिन में इनको भी बंद करने पर निर्णय लिया जा सकता है।
आपको बता दें कि ट्रक आपरेटर्स ने 20 जुलाई से पूरे राजस्थान में हड़ताल कर रखी है। सभी छह लाख ट्रक बंद पड़े हैं। दिल्ली-जयपुर, जयपुर-आगरा, जयपुर-अजमेर, जयपुर-कोटा, जयपुर-सीकर हाईवे सहित तमाम नेशनल हाईवे पर ढाबों, होटलों और टोल नाकों के पास ट्रकों की कतारें लगी हुई हैं। राजस्थान के सभी ट्रकों के पहिए थमने के कारण लाखों की संख्या में मजदूर बेरोजगार हो गए हैं और वह शहरों से अपने गांव की तरफ पलायन करने लगे हैं।
ट्रांसपोर्टर छीतरमल शर्मा का कहना है कि अधिकांश मजदूर गांव से आते हैं और शहर में अस्थाई रूप से एक कमरा लेकर रहते हैं। बीते 7 दिन से मजदूरी नहीं मिलने के कारण उनका शहर में रुक पाना मुश्किल हो गया है, जिसके चलते वह गांव की तरफ रुख करने लगे हैं।
यदि यही हालात रहे तो आने वाले दिनों में प्रदेश के शहरों में सब्जी और खाने-पीने की अन्य चीजों का भयानक संकट उत्पन्न हो सकता है। ट्रक यूनियन के महामंत्री रतन यादव ने बताया कि राजस्थान में डीजल पर जीएसटी और टोल नाकों की फीस में कमी करने को लेकर यह हड़ताल की गई है। राज्य सरकार या केंद्र सरकार की तरफ से अभी इस मामले में ट्रक यूनियन को कोई वार्ता का न्योता नहीं मिला है, जिसके कारण उनमें में भारी रोष है।