पणजी
गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की तबीयत खराब होने के बाद गोवा में राजनीतिक घमासान छिड गया है। पिछले दिनों से बीमार चल रहे पर्रिकर फिलहाल एम्स में इलाज के लिए भर्ती हैं। इस बीच कांग्रेस ने वहां मुख्यमंत्री बनाने का दावा पेश करने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। कांग्रेस के नेताओं ने राज्य में सरकार न होने की बात कहते हुए गवर्नर से सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने की मांग की है।
इसको लेकर सोमवार को कांग्रेस के 14 विधायकों ने राजभवन जाकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। हालांकि गवर्नर से मुलाकात नहीं हो सकी और सरकार बनाने के दावे वाले पत्र को छोड़कर वे वापस लौट आए। सूबे में कांग्रेस के कुल 16 विधायक हैं। कांग्रेस का कहना है कि उसके पास एक एनसीपी विधायक समेत 17 विधायकों का समर्थन है। सूत्रों के मुताबिक गवर्नर मृदुला सिन्हा राजभवन में मौजूद नहीं थीं।
गोवा में कांग्रेस के विधायक दल के नेता सी. कावलेकर ने कहा कि वे गोवा की सबसे बड़ी पार्टी हैं, उन्हें पहले ही मौका दिया जाना चाहिए था। यहां सरकार होते हुए भी न करे बराबर है। हमारे पास संख्याबल है, इसलिए हम सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं। गवर्नर जब यहां पणजी में होंगी।तो कांग्रेस दल उनसे सरकार गठन के निमंत्रण के लिए अनुरोध करेंगे।
कांग्रेस विधायकों ने कहा कि सुबह पार्टी विधायक दल की बैठक में दो फैसले किए गए। कांग्रेस ने कहा कि गवर्नर को विधानसभा भंग करने का अधिकार नहीं है। हमारी गवर्नर से मांग है कि हमें सरकार बनाने का मौका दिया जाए। इधर, भाजपा ने दावा किया है कि गोवा सरकार स्थिर है और नेतृत्व में परिवर्तन की कोई मांग नहीं है। बीजेपी के केंद्रीय पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में हुई बैठक में सभी ने राज्य सरकार के स्थिर होने की बात करते हुए नेतत्व पर विश्वास जताया।
- यह है गोवा का समीकरण
40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में बीजेपी के पास 14 विधायक हैं। उसे महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी (एमजीपी) के 3, गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के 3 और 3 निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल है। वहीं, कांग्रेस और एनसीपी के पास 17 विधायक हैं। राज्य में जिस तरह के समीकरण है, उसे देखते हुए दोनों पार्टियों (एमजीपी व जीएफपी) और निर्दलीय विधायक का रोल काफी अहम माना जा रहा है।