Ajmer News। राजस्थान के प्रभारी अजय माकन जब संभाग बार फीडबैक बैठकों की शुरुआत करने अजमेर पहुंचे तो वहां उनका सामना नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उन समस्याओं से करा दिया जो कांग्रेस की कमजोर कड़ी मानी जाती हैं। फीडबैक सर के बाहर कांग्रेस की गुटबाजी खुलकर सामने आई और इसका शिकार राजस्थान के चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा होते हुए नजर आए अजमेर में आयोजित फीडबैक में अजमेर शहर देहात के साथी भीलवाड़ा नागौर और टोंक जिला कांग्रेस के नेताओं ने माकन के समक्ष अपनी अपनी बातें रखी।
अजमेर पहुंचते ही प्रभारी अजय माकन का सामना सचिन पायलट समर्थकों से हुआ जो फीडबैक स्थल होटल मेरवाड़ा के बाहर मौजूद थे । यहां पर आई लव यू सचिन पायलट और सचिन पायलट जिंदाबाद के नारे ही सुनाई दे रहे थे। हालांकि जब अजय माकन होटल के अंदर चले गए तो अलवर जिले के संबंध रखने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नजदीकी धर्मेंद्र राठौर जिनका अजमेर से कोई राजनीतिक रिश्ता नहीं है बाहर आए और उन्होंने कुछ समर्थकों को इकट्ठा करके अशोक गहलोत जिंदाबाद के नारे लगवाने का प्रयास किया। लेकिन पायलट समर्थकों की बड़ी संख्या देख कर नारे लगाने वाले गहलोत समर्थक जल्दी ही वापस लौट गए।
इतना ही नहीं सचिन पायलट के समर्थन में नारे लगाने वालों ने चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की और फोल्डिंग पोस्टर फाड़कर भी गुस्सा निकाला इन लोगों का कहना था कि अजमेर में लोकसभा उपचुनाव के दौरान सचिन पायलट ने घर-घर जाकर वोट मांगे और पूरी टीम को लगाया तब जाकर रघु शर्मा सांसद बने। लेकिन इसके बाद विधानसभा चुनाव जीतने के साथ ही रघु शर्मा ने पाला बदल लिया यहां नारेबाजी इतनी बढ़ गई और जब रघु शर्मा के खिलाफ लगातार नारेबाजी होती रही तो पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए।
इन युवाओं को वहां से भगाया और साथ ही कुछ लोगों का हिरासत में लेकर गंज थाने ले गए इस बात का पता चलते ही विधायक राकेश पारीक थाने पहुंचे और उन्होंने जब देखा की इन कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को पुलिस ने सिर्फ बनियान में खड़ा कर रखा है तो इस पर वह पुलिस पर भड़क गए और कहां कि कांग्रेस की लड़ाई हमेशा जुल्म के खिलाफ रही है और पुलिस का यह रवैया बिल्कुल ठीक नहीं है इसके लिए हम मुख्यमंत्री से लेकर चाहे जिस से बात करनी हो करेंगे इसके बाद पुलिस को उन कार्यकर्ताओं को वापस भेजना पड़ा।
इतना ही नहीं इससे पहले जब राकेश पारीक बैठक स्थल पर पहुंचे तो पुलिस अधिकारी ने उन्हें रोक लिया इस पर उन्होंने गुस्सा जताते हुए कहा की मैं पूरे जिले में मंत्री रघु शर्मा के अलावा एकमात्र कांग्रेस का विधायक हूं और अधिकारी मुझे नहीं जानते उन्होंने स्पष्ट रूप से एक अधिकारी को इंगित करते हुए कहा की रिश्वत देकर यहां लगे हो क्या इस पर माहौल गरमा गया । बाद में दूसरे अधिकारियों और नेताओं ने आकर बात को संभाला कुल मिलाकर बैठक के बाहर का नजारा काफी जोरदार था और स्पष्ट नजर आ रहा था ,कि पिछले दिनों कांग्रेस में जो घटनाक्रम चले हैं उसका असर इन फीडबैक बैठकों में पड़ा है ऐसा तब भी लगा जब बैठक के बाहर और अंदर सचिन पायलट समर्थकों ने अपने नेता के पक्ष में जमकर बात की और इतना तक कह दिया कि सचिन पायलट के योगदान को नकारा जाएगा तो कांग्रेस को बड़ा नुकसान होगा और इसे कोई नहीं डाल पाएगा।