रूपनगढ़ / Ajmer News। केन्द्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ दो दिवसीय दौरे पर राजस्थान आए राहुल गांधी ने दूसरे दिन शनिवार को अजमेर जिले के रूपनगढ़ में सांकेतिक तौर पर निकाली गई ट्रैक्टर रैली में शामिल हुए। राहुल गांधी ने ट्रैक्टर भी चलाया। जबकि उनके साथ ट्रैक्टर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा भी सवार थे। रूपनगढ़ में राहुल ने ट्रैक्टर रैली से पहले सभा में मोदी सरकार पर हमला बोला।
शनिवार दोपहर उन्होंने किशनगढ़ के निकट स्थित सुरसुरा गांव के वीर तेजाजी निर्वाणस्थली मंदिर में पूजा-अर्चना कर खुशहाली की कामना की। इसके बाद राहुल गांधी ने रूपनगढ़ में ट्रैक्टर रैली को संबोधित किया।
रैली के लिए खासतौर पर ट्रैक्टर की ट्रॉलियों को जोड़कर मंच बनाया गया था। इस दौरान उन्होंने तीनों कृषि कानूनों के लक्ष्य और उनके पीछे की सोच समझाई। साथ ही कहा कि नए कृषि कानूनों से किसान, रेहड़ी वाले और छोटे व्यापारी बर्बाद हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आमजन के समर्थन व सहयोग से संसद से लेकर सड़क तक कृषि कानूनों का विरोध करती रहेगी। राहुल ने साफ कर दिया कि जब तक तीनों कानून वापस नहीं होंगे, तब तक मोदी सरकार से कोई बात नहीं करेगा।
उन्होंने कहा कि कृषि दुनिया का सबसे बड़ा बिजनेस है। यह किसी एक व्यक्ति का नहीं है। नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि कृषि का पूरा बिजनेस उनके दो मित्रों के पास चला जाए।
वे चाहते हैं कि हिन्दुस्तान के 40 प्रतिशत लोगों का बिजनेस दो लोगों के हाथ चला जाए। हिन्दुस्तान का किसान कह रहा है कि हम मर जाएंगे, लेकिन यह नहीं होने देंगे। यह मत सोचिए कि किसान अकेला है। उसके पीछे मजदूर और छोटे व्यापारी खड़े हैं।
ट्रैक्टर रैली के बाद राहुल परबतसर चौराहा पहुंचे, जहां स्थानीय विधायक रामनिवास गावड़िया ने उनकी अगवानी की। यहां बीस क्विंटल फूलों की वर्षा कर उनका स्वागत किया गया। इसके बाद राहुल परबतसर में ऊंट गाड़ी पर सवार हुए। इस दौरान उन्हें किसी ने गेहूं की बालियां भेंट की तो किसी ने किसानी के प्रतीकस्वरूप हल। परबतसर से राहुल गांधी मकराना में आयोजित किसान सभा के लिए निकल गए।
इससे पहले शुक्रवार को राहुल ने हनुमानगढ़ के पीलीबंगा और श्रीगंगानगर के पदमपुर में किसान महापंचायत को संबोधित किया था। इस दौरान पीलीबंगा में मंच पर खाट जबकि पदमपुर में मुड्ढे लगाए गए थे।
इस दौरान प्रदेश प्रभारी अजय माकन, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा, केसी वेणुगोपाल, पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट एवं चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, वैभव गहलोत, धर्मेन्द्र राठौड़ समेत कई नेता उनके साथ रहे।