Alwar news । मालाखेड़ा थाना क्षेत्र के नावली गांव में स्थित सरसों के खेत में एक बालक की मिली क्षत-विक्षत लाश के मामले में पुलिस असली अपराधी तक पहुंचने में कामयाब हो गई है।
जिला पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने मंगलवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में जानकारी देते हुए बताया कि नावली गांव में मिली लाश का सम्बंध किसी खजाने की तलाश के लिए बलि चढ़ाने जैसी घटना से नहीं है। मृतक बालक निर्मल उर्फ बाबू अपने परिवार के ही एक युवक (बालअपचारी) को चिढ़ाता रहता था। क्योंकि यह युवक अपने आप में देवता आने तथा भूत-प्रेत का इलाज करने का दावा करता था। इस बात पर बालक निर्मल उसे चिढ़ाता था। इधर बालक और आरोपी बालअपचारी के परिवार के बीच खेत के डोल का विवाद भी लंबे समय से चल रहा था।
जिसके कारण दोनों परिवारों में रंजिश चली आ रही थी। बालक निर्मल के बार-बार चिढ़ाने तथा पारावारिक रंजिश के चलते बालअपचारी युवक बालक को 26 दिसम्बर की सुबह करीब 10 बजे यह कहकर सरसों के खेत में ले गया कि वहां कुत्तों ने कुछ मोरों को मार दिया है। खेत में ले जाकर आरोपी बालअपचारी ने बालक निर्मल का गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद बालअपचारी वहां से अपने घर लौट आया। बालक का शव अगले दिन खेत में पड़ा देखा गया। इस बीच बालक का शव खेत में पड़े रहने पर जानवरों द्वारा कान-नाक व माथे पर जख्म बना दिये गए। जिसके कारण यह मामला बलि चढ़ाने का प्रतीत हुआ।
पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार बालक की मौत गला दबाने से हुई है। शव पर पाए गए अन्य जख्मों के निशान जानवरों के हमले से हुए माने जा रहे है। मामले की गम्भीरता को देखते हुए पुलिस ने विशेष टीम बनाकर जांच की तो सच्चाई सामने आ गई। पुलिस ने आरोपी बालअपचारी को निरूद्ध कर लिया है। आरोपी बालअपचारी युवक मृतक बालक निर्मल के परिवार का ही है। पुलिस ने इस मामले में आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।