जयपुर/ राजस्थान में 5 माह बाद इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और सत्ता पक्ष कांग्रेश तथा विपक्षी दल भाजपा चुनाव की तैयारियों में आंतरिक रूप से पूरी तरह से जुड़ चुका है लेकिन इन चुनावों से पहले हुवे निकायों के उपचुनाव में आज मतदाताओं अर्थात जनता ने कांग्रेस को आईना दिखा दिया है कि उसकी विधानसभा चुनाव में क्या स्थिति हो सकती है ?
सत्ता पक्ष कांग्रेस में राजस्थान में क्या स्थिति है यह जगजाहिर है और इस पर कुछ ज्यादा लिखने की जरूरत नहीं है तथा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कॉन्ग्रेस के इस लीकेज और फूट को सुधारने में अकेले जूझ रहे हैं ।
लेकिन वह इसमें सफल होंगे या नहीं यह तो कहना मुश्किल है लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले राजस्थान में हुवे निकायों के उपचुनाव में कांग्रेस की जबरदस्त हार हुई है ।
इसे यूं कहें तो अतिशयोक्ति नहीं होगी कि जनता और मतदाताओं ने कांग्रेस को विधानसभा चुनाव के 5 महीने पहले हुए निकायों के इस चुनाव में आईना दिखा दिया है।
प्रदेश में श्री डूंगरगढ़ पदमपुर सुजानगढ़ जोबनेर लोसल वार्ड संख्या 10 लोसल वार्ड संख्या 20 भरतपुर धौलपुर ब्यावर उनियारा पाली चित्तौड़गढ़ इटावा और रींगस जी ने नगर परिषद और पाली गांव में वार्डों के हुए उपचुनाव में कुल 14 स्थानों में से कॉन्ग्रेस को 4सीट पर ही जीत मिली है ।
जबकि प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता है और भाजपा ने 8 सीटों पर कब्जा किया तथा 2 सीटों पर निर्दलीय ने परचम पर आया है। चुनाव परिणाम जहां एक और भाजपा पूरी तरह से उत्साहित नजर आ रही है ।
वहीं दूसरी ओर कांग्रे स्कोर इस चुनाव परिणामों के बाद और अधिक मंथन करने की जरूरत है क्योंकि इन परिणामों ने बता दिया है कि या इसे यूं कहें तो अतिशयोक्ति नहीं होगी कि प्रदेश की जनता और मतदाताओं ने अपना रुझान बता दिया
है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में क्या स्थिति रहेगी इसीलिए अब कांग्रेस को और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अधिक मंथन करने की जरूरत है