भरतपुर / राजेन्द्र शर्मा जती । सेना की गुप्तचर शाखा ने भरतपुर जिले के भुसावर क्षेत्र के क्रेशर जोन स्थित विनायक स्टोन क्रेशर से शनिवार को संदिग्धावस्था में मजदूर के रूप में कार्य कर रहे एक बंगलादेशी नागरिक को पकडने में बड़ी सफलता प्राप्त की है।
बांग्लादेशी नागरिक फर्जी तरीके से आधार कार्ड व पैन कार्ड बनबाकर अपनी पहचान छुपाते हुए क्रेशर पर नौकरी कर रहा था।जिसकी सूचना पर पहुंचे मिलिट्री इंटेलिजेंस भरतपुर के अधिकारियों द्वारा पूछताछ करने के दौरान संदिग्ध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिक द्वारा संतोषप्रद जवाब नहीं देने पर भुसावर थाना पुलिस के सुपुर्द कर दिया।
मिलिट्री की गुप्तचर शाखा के अधिकारियों ने बताया कि प्रारम्भिक पूछताछ में उसने खुद को रजाउल खान पुत्र खोखा खान उम्र 22 साल निवासी सताबगंज जिला दिनाजपुर बांग्लादेश का निवासी होना बताया है। उसने बताया कि करीब 8 साल पहले 13 साल की उम्र में वह आर्थिक हालात खराब होने के कारण भारत बार्डर पर एक दलाल के सम्पर्क में आया ।जिसने बॉर्डर क्रॉस करवाकर दिल्ली लाया। फिर हरियाणा के मेवात क्षेत्र के ताबडू सोना में एक क्रेशर पर मुनीम से 8 या 9 हजार रुपये लेकर उसे उनके हवाले पर छोड़ गया।
उसके बाद वह राजस्थान के करौली ,मध्यप्रदेश के ग्वालियर आदि जगहों पर क्रेशरों पर कार्य करने के बाद भरतपुर जिले के रुदावल फिर भुसावर क्षेत्र के विनायक स्टोन क्रेशरों पर कार्य करने लगा।
आधार कार्ड और पैन कार्ड भी यहां रहते हुए बनाकर ई मित्र संचालक ने जिले की कानून व्यवस्था को ही दे डाली चुनौती
बांग्लादेश से आकर अपनी पहचान छुपाकर भुसावर क्षेत्र में रह रहे रजाउल नामक व्यक्ति ने प्रारंभिक पूछताछ में मिलिट्री इंटेलिजेंस भरतपुर के अधिकारियों को बताया है कि लगभग सात या आठ माह पूर्व भुसावर थाना क्षेत्र के बल्लभगढ़ निवासी दीपक ने आधार कार्ड व पैन कार्ड बनवाने के लिए पांच हजार रुपये लिए।आधार कार्ड व पैन कार्ड बनने के बाद उत्तरप्रदेश का निवासी होना बताकर दो मोबाइल की सिम जिनका नम्बर 8955052987 व 8302305233 खरीदी।उसके बाद दोनों नंबरों से बदल बदलकर अपने पिता खोखा खान से बांग्लादेश के मोबाइल नम्बर 8801877465376 ,दोस्त सोजित के मोबाइल नंबर 8801780357846, बहिन जिन्नातुल के मोबाइल नंबर 801325010172 व आलम नामक बांग्लादेशी नागरिक से 801878840942 पर लगातार बात करता रहा।
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क्रेशर क्षेत्र में संदिग्धावस्था में मजदूर के रूप में रह रहे बांगलादेशी नागरिक रजाउल के पकड़े जाने से सुरक्षा में सेंध से की बात से इनकार नहीं किया जा सकता। बांग्लादेशी रजाउल के पास से आधार कार्ड व पेन कार्ड भी बरामद हुआ।
उसके पास फोन भी मिला है, जिसमें सिम भारत से जारी की हुई मिली। उसने खुद को लगभग आठ वर्ष से भारत में रहना स्वीकार किया है। उसके पकड़े जाने के बाद सेना की गुप्तचर शाखा ने देश की सुरक्षा व्यवस्था को मद्देनजर रख अपनी गतिविधियां भी तेज कर दी हैं और जानकारी जुटाई जा रही है कि जिले के अलग अलग क्षेत्रों में किन किन क्रेशरों पर भारतीय आधार कार्ड व पैन कार्ड बनबाकर बिना पुलिस वेरिफिकेशन कराए कितने और विदेशी नागरिक रह रहे है जो देश की सुरक्षा को खतरा बन सकते हैं।
वहीं जिले के ऐसे मोबाइल टावरों की डिटेल भी खंगाली जा रही है जिन टावरों से विदेशों में बात की गई है।सेना की मिलिट्री इंटेलिजेंस के अब बांग्लादेशी युवक के पास से मिले आधार कार्ड तथा अन्य दस्तावेजों की जांच व मोबाइल की कॉल डिटेल निकालवा कर गहनता से जांच में जुट गए हैं।
वही इस सब के बाद बिना पुलिस वेरिफिकेशन कराए क्रेशर पर कार्य करा रहे क्रेशर मालिक भी संदेह के घेरे में नजर आ रहा है।मिलिट्री इंटेलिजेंस के अधिकारी बांग्लादेशी नागरिक से पूछताछ के बाद कभी भी क्रेशर मालिक व रुपये लेकर फर्जी दस्तावेज तैयार कर आधार कार्ड व पैन कार्ड बनाने वाले दीपक से पूछताछ कर सकते है।
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ई मित्र संचालक व सिम बेचने वालों पर पुलिस की प्रभावी कार्रवाई नहीं होने के कारण दिनोंदिन हौसले बुलंद होते जा रहे हैं जिसका परिणाम है कि जामताड़ा के बाद जिले के मेवात क्षेत्र में मिलिट्री के फर्जी आईकार्ड बनवा कर व सिम निकलवा कर ओएलएक्स के माध्यम से देश के विभिन्न राज्यों के लोगों से ठगी की जा रही है।