भीलवाड़ा। सामाजिक सद्भावना टोली भीलवाड़ा द्वारा आज कोटा रोड स्थित यश विहार में सामाजिक सद्भावना बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में हिंदू समाज की लगभग 70 जाति बिरादरी प्रमुखों ने हिस्सा लिया। समाज बंधुओ को संबोधित करते हुए उदयपुर से पधारे रमेश चंद्र शुक्ल ने कहा कि सभी जाति बिरादरियां विराट हिंदू समाज के घटक हैं।
बैठक संयोजक ओमप्रकाश बुलिया ने बताया प्रारंभ दीप प्रज्वलन रमेश चंद्र शुक्ल, महिपाल सिंह राठौड़, पवन कुमार शर्मा व जगदीश चन्नाल द्वारा किया गया। हिंदू समाज के विभिन्न जाति बिरादरी के प्रमुख बंधुओं और बहनों की बैठक आयोजित की गई। जिसके प्रथम सत्र में जाति बिरादरी के प्रमुख व्यक्तियों द्वारा अपनी जाति में किया जा रहे समाज सुधार के प्रयत्न तथा हिंदू समाज और हिंदू धर्म की अन्य जातियों के लिए किया जा रहे सहयोग, प्रेम, विश्वास और सौहार्द बढ़ाने के लिए किया जा रहे कार्यों की जानकारी प्रस्तुत करने का आह्वान किया गया ।जिसमें कंजर, ब्राह्मण, माहेश्वरी, प्रजापति, भील, पांचाल लोहार, जाट, राजपूत, लखारा, गुर्जर, बागरिया, कुचबंदा, कामड़, तेरापंथ जैन, सुखवाल ब्राह्मण, कायस्थ, सिंधी, वाल्मीकि, खटीक, मीना, छीपा आदि जाति के बंधु भगिनी ने विचार प्रकट किए।
जिसमें बालिका शिक्षा को बढ़ावा देना, मंदिरों में धार्मिक कार्यक्रम करना, शहीद परिवारों का सम्मान, महापुरुषों की जयंती, रक्तदान शिविर सभी जाति बिरादरी की प्रतिभाओं का सम्मान ईसाई मिशनरीज के प्रभाव से अपनी जाति को बचाना, वर वधू सम्मेलन करना, बेटी पढ़ाओ के साथ बहू पढ़ाओ का अभियान, अपनी जाति के छात्रावास में अन्य जाति के छात्रों को प्रवेश देना, मृत्यु भोज पर पाबंदी, जाति की समस्या जाति में निपटाना, अपनी जाति को थाना कचहरी से बचाना, शादी विवाह के खर्च को सीमित करना, अस्पताल और विद्यालय में सभी समाज को सुविधा देना, सामाजिक समरसता बढ़ाने के लिए गोष्टी, बाल संस्कार शिविर आयोजित करना, किसी भी जाति के प्रति हीनता व उच्चता का भाव नहीं रखना, सभी जाति के महापुरुषों को अपना मानना, अस्पतालों और वृद्ध आश्रमों में सहयोग करना। कुल 30 से अधिक जातियों के वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए।
द्वितीय सत्र में रमेश चंद्र शुक्ल प्रांत महामंत्री इतिहास संकलन समिति ने अपना उद्बोधन प्रदान करते हुए कहां की सभी जाति बिरादरी परस्पर सहभागी के साथ रहते हुए समाज परिवर्तन में अपनी भूमिका का निर्वहन करें हम सब विराट हिंदू समाज के घटक है। हमारी संस्कृति चिरंतन है तथा हमारा धर्म सनातन धर्म है इसका संरक्षण और संवर्धन करना हमारा परम कर्तव्य है। जब-जब भी हमारा समाज संगठित रहा है हमने विदेशी आक्रमण को परास्त किया है। हमें धर्म का जागरण करना है और स्वदेशी भाव जगा कर राष्ट्र को मजबूत करना है।
सह गीत सत्येंद्र कुमार जैन ने करवाया। भावगीत सुरेश चंद्र सेन ने गाया। कार्यक्रम का संचालन जग जितेंद्र सिंह द्वारा किया गया।