भीलवाडा। भीलवाड़ा के बांगड़ हॉस्पिटल में चिकित्सकों की लापरवाही से मरीजों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। कोरोना के शुरुआती दौर में विवादों में आए इस अस्पताल में विगत कुछ महीनों में हंगामे और प्रदर्शन कई बार हो चुके हैं। गुरूवार को एक बार फिर एक महिला मरीज की मौत के बाद परिजनों ने हॉस्पिटल के बाहर जमकर हंगामा किया।
बांगड़ हॉस्पिटल को छावनी में तब्दील कर दिया गया है और प्रशासनिक अधिकारी लगातार समझाइश के प्रयास कर रहे है। परिजनों ने हॉस्पिटल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। परिजनों का कहना था कि महिला को एलर्जी की शिकायत थी, लेकिन उसका करीब 5 घंटे तक ऑपरेशन किया गया।

इसके बाद उसकी मौत होने की सूचना दी। मामला शहर के सुभाष नगर थाना क्षेत्र में स्थित बृजेश बांगड़ हॉस्पिटल का है, जहां आसींद क्षेत्र के भेरुखेड़ा गांव की रहने वाली जस्सू देवी (60) पत्नी स्व. छोगा गुर्जर निवासी भीलवाड़ा की मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि महिला का अहमदाबाद के डॉक्टरों द्वारा एलर्जी का इलाज चल रहा था।

दवाई की डोज ज्यादा होने के कारण परिजन डॉक्टरों से राय लेने के लिए महिला को लेकर बृजेश बांगड़ हॉस्पिटल हॉस्पिटल पहुंचे। जहां डॉक्टर ने चेक अप के बाद ऑपरेशन की बात कही। परिजनों ने बताया कि हॉस्पिटल प्रबंधन ने 15 से 20 मिनट ऑपरेशन चलने की बात कही।
लेकिन ऑपरेशन में 5 से 6 घंटे का वक्त लिया और परिजनों को बिना बताए जस्सू देवी को वैंटिलेटर पर शिफ्ट करके हजारों रुपए की दवाई मंगवाई गई। ज्यादा रुपए का बिल बनाने के बाद परिजनों को जस्सू देवी की मौत की खबर दी। जबकि एलर्जी की समस्या के चलते जस्सू देवी हॉस्पिटल आई थी।
परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर ने लापरवाही से इलाज किया। जिससे उनकी जान चली गई। मुआवजे की मांग को लेकर परिजनों ने हॉस्पिटल के मुख्य द्वार को बंद कर प्रदर्शन शुरू कर दिया।
हंगामे की सूचना पर सुभाष नगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मामले में रिपोर्ट दर्ज करवाने की सलाह देते हुए परिजनों से समझाइश कर मामले को शांत करवाया। इधर हॉस्पिटल प्रबंधन ने भी परिजनों से वार्ता शुरू की है। फिलहाल वार्ता जारी है।