भीलवाड़ा/ वर्तमान आधुनिक दौर में जहां एक और युवा पीढ़ी पाश्चात्य संस्कृति की ओर ज्यादा झुकी हुई है और भारतीय संस्कृति व सनातन धर्म से अभी दूर है ऐसे में राजस्थान की वर्तमान सरकार युवा पीढी को सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति से रूबरू करने के लिए कृत सकंल्प व प्रयास रत है ।
इसी कड़ी में निकटवर्ती शाहपुरा जिले में बनेड़ा उपखंड के मेघरास गांव में स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय की प्रिंसिपल श्रीमती प्रतिष्ठा ठाकुर ने पहल करते हुए नवाचार किया है।
देशभर में आज जहां एक और भारतीय संस्कृति के अनुरूप बसंत पंचमी का पर्व मां सरस्वती जो शिक्षा की देवी मानी जाती है का पर्व मनाया जा रहा है तो दूसरी और पाश्चात्य संस्कृति के रूप में वैलेंटाइन डे अर्थात अपने प्यार का इजहार करने का दिन मनाया जा रहा है और युवा पीढ़ी बसंत पंचमी से अधिक वैलेंटाइन डे को प्राथमिकता दे रही है।
राजस्थान सरकार और शिक्षा मंत्री मदन दिलावर की मंशा के अनुरूप आज राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय मेघरास की प्रिंसिपल श्रीमती प्रतिष्ठा ठाकुर ने विद्यालय में जहां एक और बसंत पंचमी महोत्सव तो मनाया ही वहीं इसके साथ ही युवा पीढ़ी में भारतीय और सनातन संस्कृति के रूप में वैलेंटाइन डे के स्थान पर मातृ पितृ पूजन दिवस भी मनाया गया।
प्रिंसिपल श्रीमती प्रतिष्ठा ठाकुर ने यह जानकारी देते हुए बताया की स्कूल में अध्यनरत विद्यार्थियों के माता-पिता को आज स्कूल में आमंत्रित किया गया और उसके बाद उनको सम्मान पूरक आसन ग्रहण करवा कर उनके पुत्र और पुत्री के द्वारा तिलक लगाकर उनका पूजन कराकर आशीर्वाद दिलवाया गया। इस अवसर पर प्रिंसिपल प्रतिष्ठा ठाकुर ने मातृ पितृ पूजन दिवस का महत्व और जीवन में माता-पिता का महत्व के बारे में विस्तार से स्कूल के विद्यार्थियों को बताया।
इस अवसर पर गांव के युवा नेता सरपंच सावंरमल सेन, भामाशाह बबलू तेली और जनप्रतिनिधि सहित विद्यालय का समस्त स्टाफ व छात्र-छात्राओं के अभिभावकभी उपस्थित रहे।
मेघरास स्कूल मे छात्र-छात्राओं ने सरस्वती पूजन कर, मातृ पितृ पूजन दिवस मनाया, प्रिंसिपल श्रीमतीठाकुर ने किया नवाचार