जहाजपुर (आज़ाद नेब) भीलवाड़ा जिले के कोटडी क्षेत्र में हुई बजरी की लीज में नियमों को ताक में रखते हुए रोजाना ओवरलोड बजरी से भरे वाहन खुलेआम निकल रहे हैं। लीज धारक राजस्थान अप्रधान खनिज अधिनियम 2017 की सरेआम धज्जियां उड़ा रहा है। फिर भी प्रशासन के नुमाइंदे आंखें बंद कर बैठे हैं।
खान विभाग द्वारा दिए गए निर्देशों का उल्लघंन करते हुए 3 मीटर की जगह 6 से 9 मीटर तक की खुदाई कर नदी तल को भी सपाट कर दिया गया है। राज्य सरकार को राजस्व हानि पहुंचाने के साथ ही जलस्तर व पर्यावरण के साथ खिलवाड़ भी किया जा रहा है।
ई-रवना की आड में खुलेआम चल रहे इस अवैध बजरी के खेल पर लगाम कसने के बजाय क्षेत्रीय प्रशासन कुंभ कर्ण की नींद में सोया हुआ है। मीडिया में रोजाना चल रही खबरों के बावजूद भी प्रशासन अभी तक नहीं जागा है।
लीज धारक ने जहां पर स्टॉक लगाकर टीपी पॉइंट बनाया उस जगह से अभी तक कोई बजरी का परिवहन नहीं हुआ। बजरी के स्टॉक जस के तस पड़े हुए हैं।
लीज धारक अभी वर्तमान में भी बनास नदी से सीधी बजरी जेसीबी एवं ट्रैक्टरों के माध्यम निकाल रहा है। इस मामले की प्रशासन को पूरी तरह जानकारी होने के बावजूद भी आंख बंद करके बैठा है। राजस्व विभाग, खान विभाग, पुलिस विभाग, वन विभाग के अधिकारी कार्रवाई करने से क्यों कतरा रहे हैं। यह विचारणीय विषय है।