भीलवाड़ा। कांग्रेस के युवा नेता और भीलवाड़ा जिले की मांडलगढ़ विधानसभा सीट से पूर्व विधायक विवेक धाकड़ की मौत कई सवाल खड़े कर रही है दिवंगत विवेक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट और घटनास्थल के हालात अब संदेह पैदा कर रहे हैं की विवेक आत्महत्या की या उनकी हत्या की गई ? विवेक की मौत के 5 दिन बाद भी पुलिस इस गुत्थी को अभी तक नहीं सुलझा पाई है और इस घटनाक्रम में दिवंगत धाकड़ की पत्नी और परिजन भी सवालों के घेरे में आ गए हैं ।
जिले की मांडलगढ़ विधानसभा सीट से पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता विवेक धाकड़ (47) 4 अप्रैल को अपने घर में ही हाथ की नसें काट कर आत्महत्या कर ली थी यह प्रथम दृष्टया सामने आया था और कोरमोक पर पुलिस को उनके कमरे में पंखे से सफेद का फंदा लगा हुआ अभी मिला था। 4 अप्रैल को सवेरे जब विवेक धाकड़ अपने कमरे में कुर्सी पर अचेत अवस्था में मिले और उनके हाथ से खून बड़ा था तब परिजनों से अस्पताल ले गए जहां चिकित्सकों ने उसे अमृत घोषित कर दिया था और उसे समय चिकित्सा कौन है मेडिकल साइंस के हिसाब से बताया था कि विवेक की मौत 8 से 10 घंटे पहले ही हो चुकी थी।

विवेक धाकड़ का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम हुआ था जिसकी रिपोर्ट मंगलवार को आई इस रिपोर्ट में सबको चौका कर रख दिया जिसमें चिकित्सकों के मेडिकल बोर्ड ने परीक्षण के बाद रिपोर्ट में खुलासा किया कि विवेक धाकड़ की मौत फांसी का फंदा लगने से हुई थी ?
विवेक ने आत्महत्या की यह हत्या ? तथा यह सवाल है जो…
मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार विवेक की मौत फांसी लगने से हुई थी तो फिर घटना के दिन विवेक कुर्सी पर कैसे अचेतावस्था में बैठा हुआ मिला ? फांसी का फंदा लटका हुआ था फांसी के फंदे से विवेक को किसने उतरा था? विवेक को मौत फंदे से उतर कर कुर्सी पर किसने बिताया था? विवेक की हाथ की नसें काटी गई थी ? क्योंकि मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार विवेक की मौत फांसी के फंदा लगने से हुई तो फिर हाथ की नसें एक मृत व्यक्ति कैसे काट सकता है ?
घटना वाले दिन चिकित्सकों के अनुसार की विवेक धाकड़ की मौत 8 से 10 घंटे पहले हुई थी तो फिर परिजनों को और उनकी पत्नी पद्मिनी धाकड़ तथा उनके पिता इंजीनियर कन्यालाल धाकड़ को जो कि दोनों के कमरे विवेक के पास ही हैं कैसे पता नहीं चला

घटना वाले दिन इंजीनियर धाकड़ का यह बताना कि वह मॉर्निंग वॉक से आए तब विवेक धाकड़ को कुर्सी पर अचेतावस्था में बैठा हुआ देखा और हाथ की नसें कटी हुई देखी थी तब पड़ोसी को चिल्ला कर बुलाया अस्पताल लेकर जबकि दूसरी ओर विवेक धाकड़ की पत्नी पद्मिनी का यह कहना है की घटना वाले दिन वह दीदी के साथ उसके कमरे में नहीं सोकर अलग सोई थी और सवेरे जब वह स्कूल अपनी ड्यूटी पर( राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सुभाष नगर में तृतीय श्रेणी शिक्षिका के पद पर कार्यरत है) जाने लगी तब उसे पता चला ?

अगर पद्मिनी धाकड़ और इंजीनियर कन्यालाल धाकड़ की बातों को माना जाए तो फिर विवेक धाकड़ को फांसी के फंदे से उतर कर किसने कुर्सी पर बिठाया था और हाथ के नशे किसने काटी ?
यह ऐसे सवाल है जो विवेक धाकड़ की मौत को आत्महत्या की बजाय हत्या की ओर उंगली उठा रहे हैं और इसी के साथ ही यह सभी सवाल विवेक धाकड़ की पत्नी पद्मिनी धाकड़ पिता इंजीनियर कन्यालाल धाकड़ और उनके परिजनों को संदेह के दायरे में खड़ा करते है । अब पुलिस भी हत्या के आशंका से इनकार नहीं कर रही है ? विवेक की मौत का कारण संपत्ति या फिर……