जयपुर/डाॅ.चेतन ठठेरा। राजस्थान में इसी साल 3 महाभारत विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इन चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों में सरगर्मियां शुरू हो चुकी है प्रदेश में सत्ता पक्ष कांग्रेस और विपक्षी दल भाजपा के नेता पूरी तरह से तैयारियों में जुट चुके हैं मानव प्रदेश में अधिसूचना से पहले ही चुनावी समर शुरू हो चुका है ।
प्रदेश में हर 5 साल में पार्टी की सत्ता बदलने की परंपरा पिछले 2 दशकों से चली आ रही है और इस बार इस परंपरा को वर्तमान गहलोत नींद कांग्रेस सरकार तोड़ने के यह पूरी तरह से मूड में है और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने कार्यकाल के दौरान पिछले 4 सालों में जितनी घोषणाएं और योजनाएं लागू नहीं की थी उतनी योजनाएं और घोषणाएं इस साल अपने बजट में की है और उसकी ताबड़तोड़ क्रियान्वित की जा रही है ।
हालांकि राजस्थान में कांग्रेस में और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तथा पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच वर्चस्व की लड़ाई को लेकर तथा पार्टी में आंतरिक सूट जबरदस्त है और इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि पिछले 4 सालों में क्या स्थिति आ रही यह सब जगजाहिर है।
परंतु इसी महा कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व कि काफी प्रयास और दखल के बाद पहले ही ऊपरी तौर पर ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चौराहे वर्चस्व की लड़ाई समाप्त हो गई है और साथ मिलकर चुनाव लड़ने का ऐलान भी किया है।
यह ऐलान कितना सच और सटीक साबित होता है यह तो भविष्य बताएगा लेकिन वास्तव में अगर सचिन पायलट और अशोक गहलोत ने साथ मिलकर 2018 की तरह इस बार एकजुटता से चुनाव लड़ा तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं की इस बार कांग्रेस राजस्थान की हर 5 साल में पार्टी सत्ता परिवर्तन की परंपरा को तोड़कर वापस सत्ता में काबिज हो सकती है?
इन दोनों नेताओं के साथ होकर पार्टी के वापस सत्ता में आने का सबसे बड़ा कारण है गहलोत सरकार द्वारा इस साल शुरू की गई योजनाएं और घोषणाएं और क्रियान्वित ई तथा राहत शिविर हम यह खबर वास्तविकता और धरातल पर आमजन में की गई रायशुमारी के बाद लिख रहे हैं ।
यह नहीं कि हम गहलोत और कांग्रेस के पक्षधर हैं हमारा किसी भी पार्टी चाहे भाजपा हो चाहे कांग्रेस हो चाहे सपा हो चाहे आम आदमी पार्टी हो कोई वास्ता नहीं है हमारा वास्ता केवल वास्तविकता और धरातल पर चल रही थी फोटो आकलन और उसके मंथन के बाद उसे उजागर करना है।
राजस्थान में गहलोत सरकार की जन-कल्याणकारी श्रेष्ठ योजनाओं के कामों का विवरण इस प्रकार है
1- मुफ़्त दवा
2- मुफ़्त जांच
3- मुफ़्त इलाज निजी अस्पताल में भी
4- 25 लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा
5- 10 लाख रुपए तक का दुर्घटना बीमा
6- 300 से अधिक नए सरकारी कॉलेज
7- 33 जिले 33 मेडिकल कॉलेज
8- 33 जिले 33 नर्सिंग कॉलेज
9- 500 रुपए में सिलेंडर
10- 100 यूनिट तक बिजली फ्री
11- 200 यूनिट तक उपभोग पर सारे चार्ज खत्म
12- महिलाओं का सभी रोडवेज में आधा किराया
13- छात्रों को 75 किलोमीटर
तक मुफ़्त यात्रा
14- गायों,भैंस का बीमा 40000 रुपए तक
15- दूध प्रति लीटर किसान को अतिरिक्त सब्सिड़ी
16- स्कूल में बच्चों को दूध
17- महिला मुखिया को मोबाइल तीन साल इंटरनेट के साथ
18- पेंशन 1000 रुपए फिर से सरकार बनने पर 1500
19- पालनहार की बढ़ी हुई राशि लगभग दोगुनी
20- बंपर कृषि कनेक्शन
21- 5 किलो फूड पैकेट जल्द
22- वन टाइम रजिस्ट्रेशन के बाद
प्रतियोगी एग्जाम के लिए
आवेदन शुल्क फ्री
23- पशुओं का बीमा
24- OPS लागू
25- विद्यार्थियों के लिए ड्रेस
26- महिलाओं के लिए उड़ान योजना
27- शहरी रोजगार गारंटी योजना
28- सभी समाज के लिए
कल्याण बोर्ड
29- 25 साल सरकारी सेवा पूर्ण
करने पर ही पूरी पेंशन
30- अग्रिम वेतन आहरण
व्यवस्था
31- 19 नये जिले
32- 3 नए संभाग
33- सभी सेकंडरी स्कूल सीनियर
सेकेंडरी में क्रर्मोन्नत
34- 8वीं से सीधे सेकंडरी स्कूल
में क्रर्मोन्नति
36- 500 बालिका नामांकन वाला
सीनियर सेकेंडरी स्कूल
कॉलेज के रूप में संचालित
37- पशु इलाज फ्री
38- RTE के तहत 12वीं तक की शिक्षा प्राइवेट स्कूल में फ्री
39- तीन लाख नौकरी
40- किसानों के सहकारी बैंकों के कर्ज माफ
41- किसानों को मुफ़्त बीज वितरण
42- कामगारों को मुफ़्त 5000 का टूल किटवितरण
43- बुजुर्गों को मुफ़्त तीर्थस्थलों का दर्शन
44- अंग्रेजी माध्यम के विद्यालय
45- मांग के अनुसार नवीन ग्रामपंचायतों, पंचायत समिति, उप तहसील, तहसील, नगरपालिकाओं का गठन
44- थानों में स्वागत कक्ष
45- थानों में एफआईआर की अनिवार्यता
46- EWS का सरलीकरण
47- जयपुर मेट्रो का विस्तार
48- एक लाख किलोमीटर सड़कें
49- 2000 नए ट्यूबवेल, 4000 नए हैंडपंप और हर घर में नल से पानी
50- 30000 सफाई कर्मचारियों की भर्ती
51- जाति, मूल निवास व अन्य प्रमाणपत्र बनाने हेतु घर से सेवा
52- विशेष योग्यजन को स्कूटी।
53- राजस्थान अपने कर्मचारियों के लिए एडवांस सैलरी की सुविधा को शुरू करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है।
54- अधिस्वीकृत पत्रकारों को पेंशन वापस शुरू कर पेंशन राशि ₹15000 करना
55- पत्रकारों के बच्चों को छात्रवृत्ति
56- पत्रकारों को आवास योजना एवं भूखंड गायत्री दर पर उपलब्ध कराना
57- अधिस्वीकृत पत्रकारों को लैपटॉप और टेबलेट देने की घोषणा (वितरण करना अभी बाकी है)
गहलोत सरकार की यह योजनाएं मध्यम- गरीब वर्ग के लिए एक वरदान के रूप में महंगाई से राहत साबित हो रही हैं ?